दिया जिन्होंने छोड़, अपने लोगो को। तभी लड़खड़ाई हमारी देश की व्यवस्था। मुझे लग रहा है कि, कही लुप्त न हो जाये। हमारे देश की वो प्यारी संस्कृति, तभी पढ़े लिखे लोग जा रहे विदेशों को।। पढ़े लिखे लोग बेच रहे है, देश में लाटरी के टिकेट। अनपढ़ लोग पढ़ा […]

पानी है अनमोल, समझो इसका मोल। जो अभी न समझोगे, तो सिर्फ पानी नाम सुनोगे। आने वाले वर्षों में, पानी बनेगा एक समस्या । देख रहे हो जो भी तुम, अंश मात्रा है विनाश का। जो दे रहा तुमको संकेत। जागो जागो सब प्यारे, करो बचत पानी की तुम। बूंद […]

बहुत कुछ बदलाव की जरुरत है अब अन्याय से टकराव की जरुरत है अब। कब तक हाथ जोडे सिर झुकाये रहोगे गुलामगिरी से उठाव की जरुरत है अब। जो कमजोर है उसी को सताती है दुनिया तुमको भी तो प्रभाव की जरुरत है अब। ऐसे ही आक्रोश को पनपने दो […]

मैं करू क्या अब जब अपनो ने ही धोका दे दिया। क्या जबाब दे उन लोगो को जो कर रहे है मुझ पर व्यंग की तुम्हारे खास के होते हुए ये क्या हो गया।। अब क्या करे और क्या बोले। उन लोगो को जो उतार रहे है। मेरी और उसकी […]

ज्योत से ज्योत जलाते चलो। अंधेरे में रोशनी करते चलो। राह में आये जो दिन दुखी धैर्य उन्हें तो बांधते चलो। दिलो में प्रेम जागते चलो, प्यार गंगा बहाते चलो।। ज्योत से ज्योत…..। प्रेम से तुम दिलो को जीतो। प्रेम के भाव जगाओ, लोगो के मन से नफरत हटाओ प्रेम […]

ले देके सब सुफडासाफ हो जाना है उनका हरेक गुनाह माफ हो जाना है। गरीब न्याय मांगने जायेगा जरुर मग़र जिधर पैसा ऊधर इंसाफ हो जाना है। सत्ता मे बैठे है उनके पहचान के लोग ग़लत काम भी अपनेआप हो जाना है। अंधश्रृद्धा हद से ज्यादा जब बड जाये विज्ञान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।