.                ध्रुवकवि,कवि कुल भूषण, देश हितों  में वह युग पुरुष, तब आना बहुत जरूरी था, वह महानायक विश्व पटल, दैव हितों में वह महा पुरुष, फिर जाना और जरूरी था। हे जन नायक  राष्ट्रपूत प्रिय, इस पावन भारतभू आँचल। कोटि  कोटि जन  मन  हित, जैसे अडिग  महा हिमाचल। राष्ट्र एकता  […]

.                  *1*   आजादी महंगी मिली, नमन् पन्द्रह अगस्त। राज फिरंगी देश था,जन गण मन था त्रस्त। जनगण मन था त्रस्त,संघर्ष, बलिदान दिये। भारत  माँ  को  काट, भुजा दो  टूक  किए। “लाल” लहू्  कर भेद, बीज  बोये बरबादी। वतन  रहे  आबाद ,  रहे  अपनी आजादी। .                  *2*  जनतंत्र बड़ा  विश्व में, […]

1.. आजादी के मायने,नहीं स्वच्छंदता शोध। कर्तव्यों का भार है, अधिकारों का बोध।। 2.. मन मानी मानो मती,  स्वतंत्रता  के भाव। जिम्मेदारी बहुत है,करिए सहज स्वभाव।। 3.. भोजन पोषण वस्त्र तो, मिले भवन के संग। शिक्षा सेहत चिकित्सा, हर सामाजिक अंग।। 4.. आजादी  मानो  तभी, हो  नारी  का  मान। शिक्षित […]

ढूंढाड़ी भाषा :– वतन पै शहीद हुया भाई की मूरत पर उणरी बहण राखी बांधण आवै जद रो दरस:– *कुण्डलिया-छंद* .              *  .                   *1*  फौजाँ मै भरती  हुयो, धरा पूत को पूत। सीमा पै  रक्षा  करै, भारत   वीर  सपूत। भारत वीर  सपूत ,बहन राखी  बुलवाई। मै राखी घर आउँ,बहन यादाँ […]

1. पालन पोषण पेड़ प्रिय, परम्परा पितभाँति। पैर *प्रलोभन* पंथ पर, पंछी पथिक पदाति।। 2. पौरुष पथ पहचान पुरु, पूत पेड़ प्रतिपाल। *प्रलोभन* प्रतिघात पहल,पातक पड़े पताल। 3. पल पल प्रण पूरा पड़े, *प्रलोभन* परित्याग। पान  पताशा  पाहुना, पूजन पेड़  प्रयाग।। 4. पेड़ पर्वती पर्यटन, पथजलीय पतवार। परे *प्रलोभन* पातकी, […]

बादल बदरा हरजाई बादल, सुन के होता तनमन घायल। कहीं ये मेघ गरज कर भागे, कहीं बाजे वर्षा ऋतु पायल। इस  माया  का  पार न पाऊँ, क्यों बादल बिरुदावलि गाऊँ। मैं  मेघों  का  भाट नहीं  जो, ठकुर सुहाती  बात  सुनाऊँ। अदावत  नहीं  रखी मेघों से, बे मतलब  क्यों बुरे  बताऊँ। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।