तुम्हारे ग़म, उलझनें ज़िन्दगी की, अपनी हंसी में छुपाते हो । बिछड़ कर आज भी रहनुमा, तुम याद बहुत आते हो ।। सहर की तरह रोशन हो, क्यों अंधेरों से घबराते हो । नम आंखें ख़ुद यह कहती, तुम याद बहुत आते हो ।। महक़ हो,मुश्क़ ए गुलाब हो, फ़िज़ाओं […]
तेरे ख़्यालों में रहना अब अच्छा लगता है । यादों के दरिया में बहना अच्छा लगता है ।। तेरे दिल में सांसें लेना अच्छा लगता है । इंतज़ार के पल पल सहना अच्छा लगता है ।। ख़ुशबू में तेरी महक़ना अब अच्छा लगता है । इश्क में तेरे बहकना अब […]
बदल सी गई है तासीर हवाओं की, फ़िज़ा ने अंदाज़ भी बदला है । हो कर मस्त मलंग मोहब्बत में तेरी, कहां अब ये दिल अकेला है ।। इश्केदारियां लुभा रही हैं दिल को मेरे, ये दुनिया तो बस झमेला है । महक़ उठें है अब गलियां चौबारे देखो, हुआ […]
गुज़र गया एक और साल फ़िर, ख़्वाहिशें अभी अधूरी हैं । नववर्ष की नवबेला में अब नहीं, लक्ष्य से दूरी है ।। कितने ख़्वाब, कितने ख़्याल; दिल ने इस साल संजोए थे । वफ़ा की मिट्टी में , हमने बीज इश्क के बोए थे […]
येदायरे , ये फासले अब, क्या बांटेंगे मोहब्बत को । वादा किया है तुमसे अब, निभायेंगे हम चाहत को ।। तसव्वुर से तेरे अब, इस दिल को करार आता है । तुमको न देखूं तो दिलबर, वक़्त भी ठहर जाता है ।। जुदा […]
नौ दिन का शक्ति पर्व है, भक्ति रस का पान करें । ध्यान साधना में जुट जाएं, माता का गुणगान करें ।। जलाकर अलख़ विश्वास की, मन का स्वयं उद्धार करें । पायें विजय इन्द्रियों पर अपनी, बुराईयों का स्वयं संहार करें ।। उत्सव को […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।