त्रेता युग बीता घोर कलयुग आया, दम घुटने लगा इंसान का प्रकृति के खिलाफ जाकर सांसों के भी लाले पड़ गए। जहरीली बन गई हवा भी, पर्यावरण को ख़तम किया इंसान में से ख़त्म भावनाएं, मोबाईल का गुलाम बना। इंसानी रिश्ते हुए चकनाचूर, जानवरों को साथ लिया खुद का अपनापन […]

तू जंग लड़, तू जंग जीत… यही प्यार तेरा, यही तेरी प्रीत तू युवा है, और तू ही खफा है सोच कैसी है ये रीत… तू मुंह न मोड़, तू दिल तो खोल तू बिगुल बजा… अब चुप न बैठ, सुन अपने दिल का संगीत… कूद जा तू इस रण […]

इसे विडंबना ही कहा जाना चाहिए कि जिस देश में साक्षरता का प्रतिशत २०११ की जनगणना के अनुसार ७५.०६ हो वहां एनुअल स्टेटस ऑफ एज्यूकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) २०१७ के मुताबिक १४ से १८ साल की उम्र के ग्रामीण भारत के २५ फीसदी स्कूली बच्चों को किताब पढ़ना नहीं आता है। […]

बैचेन निगाहें तुम्हें ढूंढ रही है, कब आओगे कान्हा ! ये पूछ रही है चढ़ ऊँची अटारी, राह निहारी तुम्हारी आ गया बसंत.. अब बारी है तुम्हारी, मिन्नतें कर-कर मैं तो हारी तुमसे, शरण ले लो अपनी बांके बिहारी मैं तो जनम-जनम की प्यासी दासी तुम्हारी, आ गया बसंत भी […]

अपने अच्छा होने से दुनिया अच्छी नहीं हो जाती, खुद के सच्चा होने से दुनिया सच्ची नहीं हो जाती। अच्छों के बीच अच्छा होने में क्या बड़ी बात है, सच्चों के बीच सच्चा होने में क्या खास बात है। बड़ी बात है बुरों के बीच अच्छा होना, खास है झूठों […]

गिरकर उठना,उठकर चलना, यह काम है संसार का। कर्मवीर को फर्क न पड़ता, कभी जीत और हार का॥ जो भी होता है घटनाक्रम, रचता स्वयं विधाता है। आज लगे जो दंड वही, पुरस्कार बन जाता हैं॥ निश्चित होगा प्रबल समर्थन, अपने सत्य विचार का। कर्मवीर को फर्क न पड़ता, कभी […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।