स्वस्थ और अस्वस्थ के दो पहियों में पिस रहा है इंसान, एक तरफ भगवान है एक तरफ शैतान। उस रचनाकार की रचना देखो जिसने बनाया है इंसान करे है काम ऐसे ऐसे कर दिया जंगल बाग बगीचों को वीरान नदी नालों को भी न छोड़ा कैसे कमाये पैसे वो इसी […]
एक समय था जब महात्मा गांधी और विनोबा भावे जैसे स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी और राष्ट्रीय लिपि के रूप में देवनागरी लिपि को स्थापित करने के लिए प्रयासरत थे। यहाँ तक कि शहीदे आज़म भगत सिंह ने भी अपनी मातृभाषा पंजाबी के […]
15 जनवरी से 4 मार्च के बीच प्रयागराज में होने जा रहे अर्धकुंभ के अवसर पर भारतीय भाषा महाकुंभ का आयोजन क्यों न किया जाए ? परम श्रद्धेय शंकराचार्यगण और साधु संतों के अखाड़े आदि जो भारतीय धर्म – संस्कृति की स्थापना व रक्षा के लिए कृतसंकत्प हैं वे भारतीय […]
ख्याल तेरा बहार बनकर जो आये आना तेरा रोशन करता राह सारे तब्बसुम की खिदमत में हैं सितारे आँखों में नमी देखा तुम्हारे सोचता हूँ आज चाँद फिर फीका सा क्यूँ है.. दर्द मीठा-मीठा गम भी सहते सारे सनम ! पाक उल्फत है इसे कैसे संवारे होतेे गान छिड़ते नये […]
खगवृदों के सभापति से, नन्हीं चिड़िया मिलने आई | अश्रुपूरित नयन थे उसके, चोंच में अपनी “अर्जी” लाई| मदद करो तुम भाई मेरे, मेरी जान पर आफत आई| बच्चे मेरे कहाँ खो गए, जिनको दुनिया में थी लाई| दाना लेने मैं गई थी, छोड़ आँख के तारों को | नींद […]
केवल नियति नहीं है मानव, सब कुछ कर्म का लेखा है | पैरों से चलता हर कोई, पर हांथ अलग कुछ करता है | तूली पकड़ जब हाथ है चलता, जीवन दर्शन होता है | कलम लेखनी की ताकत को, जनमानस ही पढ़ता है | अनगढ़ माटी रूप है पाती, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।