आज कल कम ही नजर आते हो। मौसम के अनुसार तुम भी गुम जाते हो। कैसे में कहूँ की तुम मुझे बहुत याद आते हो।। दर्द दिल में बहुत है किस से व्या करू। हमसफ़र बिछड़ गया। अब किसका इंतजार करू। अब जो भी मिलते है वो हंसते और हँसाते […]

2020 का मेरा संकल्प है, हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले। पूरे हिंदुस्तान के हर शहर में, हर भारतीय की जुबा से ये बोली जाए। जिसने मुझे को बहुत सम्मान दिलवाए। ऐसी मीठी भाषा को, में क्यो छोड़ दूं। कहने वाले को और सुनने वाले को, ये बहुत ही सरल […]

नफरतों से कुछ भी हासिल नही होगा। प्यार से रहकर एक बार तो देखो। जहाँ पर भारत खड़ा है। वहां से भारत सोने की, चिड़िया बन नहीं सकता।। जो न करे महिलाओं का सम्मान, चाहे वो हो मुल्ला या हो महाराज। इन्हें कभी मत दो तुम सम्मना। करो इन सबका […]

नया साल दे आपको, मन माफिक परिणाम। सभी ख्वाब पूरी हो, करते प्रार्थना ईश्वर से हम । आपको रिद्धि दे, सिद्धि दे, वंश में वृद्धि दे। ह्रदय में ज्ञान दे, चित्त में ध्यान दे। अभय वरदान दे, दुःख को दूर कर। सुख भरपूर कर, आशा को संपूर्ण कर। सज्जन जो […]

कुछ तो बात है उनमें, तभी लोग उनके हो जाते है। अपने अपने प्यार का इजहार करने, गुलाब का फूल लेकर, बार बार सामने जाते है। भले ही कुछ बोल न सके, पर अपनी बात गुलाब दिखकर समझते है। और अपनी चाहात को, उन्हें दिखाते है।। कमबख्त ये दिल भी, […]

हँसता हुआ चेहरा, प्यारा लगता है। तेरा मुझे देखना, अच्छा लगता है। घायल कर देती है तेरी आँखे और मुस्कान। जिसके कारण पूरा दिन, सुहाना लगता है।। जिस दिन दिखे न तेरी एक झलक। तो मन उदास सा, हो जाता है। क्योंकि, आदि सा हो गया है, तुम्हे देखने को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।