अस्तगामी सूरज की लाल किरणें जल का श्रंगार कर रहीं थीं वे भी शायद अस्ताचल की ओर प्रस्थान करने के पहिले अपने आपको पवित्र कर लेना चाहतीं थी । सूरज का लाल प्रतिबिम्ब शांत होती जा रहीं जल पर सुन्दर चित्रकारी जैसा उभर आया था एक दम लाल जिसमें अपनी […]
हे छत्रपति शिवाजी महाराज ! तुम थे भारत मां के सच्चे सपूत, तुम थे यूग- निर्माता, हिंदुत्व की शान, तुम थे शांतिदूत । गंगा – यमुनी संस्कृति के अग्रदूत, संस्कारों के वट – वृक्ष, तुम थे धर्म के रक्षक, हे छत्रपति शिवाजी महाराज ! प्रभु के अवधूत ।। मुकेश कुमार […]
28 वर्ष के जीवन काल में मैंने 700 से अधिक कविताएं लिखी हैं । मेरी पहली किताब का नाम है ‘स्वर्ग’ जो कुछ वर्ष पूर्व प्रकाशित हुई थी जिसकी हजारों प्रतियां बिक चुकी हैं। कोरोना काल में भी मेरा एक काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ जिसका नाम है ‘हाय री! कुमुदिनी’। […]
नमस्ते ! मेरा शुभ नाम क्लोरीन है। मुझे प्रयोगशाला में Cl2 के नाम से बुलाते हैं । मेरे पिताजी का नाम HCl है तथा मेरी माता जी का नाम MnO2 है। मेरा स्वभाव- मेरा वजन हवा से ढाई गुना भारी है और मैं स्वभाव से अत्यधिक जहरीली हूं। जब मैं […]
लड़के भी घर छोड़ जातें हैं।। कहतें हैं उनके बिना आगे वंस की पहचान नहीं होती, साहब, लड़के की जिंदगी भी इतनी आसान नहीं होती।। छोटी सी उम्र में सीखना पड़ता है उन्हें सब कुछ, रो नहीं सकते कभी वो खुलकर, ख्वाहिश भी दबानी पड़ती है, सारी जिम्मेदारी होती है […]
मौसम ने ली अब अंगड़ाई है प्रकृति बसन्ती रंग मे नहाईं है वृक्षों के पत्ते भी झड़ने लगे है नये नये पत्ते अब आने लगे है खेत सरसों के फूलो से नहाये है आम के बोर नई उम्मीद सजाए है परमात्म कृपा पर टिका किसान धूप और वर्षा का मिलता […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।