बदलती दुनिया में कुछ इस तरह बसर रखना दुश्मनों से भी गले मिल सको ऐसा हुनर रखना जहाँ भी जाओ इज़्ज़त की चादर तन पर रखना अपनी निगाहों में अदब , बातों में असर रखना चहचहाती चिड़ियों की नस्ल पर नज़र रखना ये ख़त्म ना हो जाएँ , घर में […]
मेरी ग़ज़ल भी तुम्हारी रोटी जैसी हो जाए जिसे खा के किसी पेट की आग मिट जाए हरेक नज़्म हो दर्ज़ी की कैंची के माफिक गर लफ्ज़ बिगड़े तो ज़ुबान तक कट जाए हर हर्फ़ ने छिपा रखा हो आसमाँ का राज़ जो बरसे कभी तो ज़मीं का दिल फट […]
इस जहाँ में ख़लिश मैं ही हूँ दीवाना या रात की ख़ामोशी सुनता है कोई और भी आसमान के नीदों में चहलक़दमी करके धरती के ख़्वाब बुनता है कोई और भी हवा के ज़ुल्फ़ों से बिखरे आफ़ताबों को ओंस की डाली में चुनता है कोई और भी धूप के टुकड़ों […]
संसार के कोलाहल से दूर बहुत दूर समंदर की लहरों पे बहता रवानगी की कहानी कहता बादलों की पीठ पर बैठ कर अपनी ही धुन में रहता है मेरा मन जो व्याकुलता का पर्याय नहीं है उद्विग्न मस्तिष्क का कोई राय नहीं है वो अभी भी सद्यस्नाता की भाँति सुकोमल […]
अब तुम्हारा रहम नहीं मुझे भी हिस्सेदारी चाहिए मुल्क चलाने के वास्ते मुझे भी भागीदरी चाहिए हर हाथ हो मज़बूत अपने नेक इरादों को लेकर अपना भाग्य लिखने को मुझे भी दावेदारी चाहिए सदियों तक हुआ राज़तंत्र भेष बदल बदल कर तुम्हारी नियतों में तो मुझे भी ईमानदारी चाहिए न […]
कल खुद को देखा आईने में और मैं डर गया किसी का कद मेरे रिश्तों पे यूँ भारी पड़ गया जिस शाख में सिमट कर ज़िंदगी गुज़ारी थी आज वो जड़ समेत ही मिटटी से उखड गया जिन हसीं पलों को समेटा था कल जीने को वक़्त के तूफ़ान में […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।