( प्राथमिक  जानकारी) सुन्दर दोहा लीजिए, सुन्दर भाव बनाय। तेरह ग्यारह मातरा, यथा योग्य  लगाय। यथायोग्य लगाय,चरण अंतिम दोहे का। रोला छन्द बनाय,चरण पहला रोले का। पहला  दोहा शब्द, अंत रोले के  सुन्दर। भरें भाव भरपूर,बने कुण्डलिया सुन्दर। .                         …..बाबू लाल शर्मा *प्रथम दो पंक्ति दोहा* (13,11 ) दोहे के […]

मात शारदा सुमिर के, सुमिरो  देव गणेश। कविता दोहा सीखिए,सुन्दर सुमिर महेश।। .           दोहा छंदो मे लिखो ,कविजन अपनी बात। तेरह ग्यारह मातरा, अड़तालिस  हो जात।। .           प्रथम  तीसरे   चरण  में, तेरह  मात्रा  पूर। गुरु लघु गुरु चरणांत हो,भाव भरे भरपूर।। .           विषम चरण के अंत में,लघुलघुलघु भी होय। लय […]

चौथ  व्रती  बन  पूजती, चंदा  चौथ  चकोर। आज सुहागिन सब करें,यह उपवास कठोर। यह   उपवास  कठोर , पूजती   चंदा  प्यारा। पिया  जिए  सौ साल, अमर संयोग  हमारा। कहे लाल कविराय, वारती  जती  सती बन। अमर रहे  तू चाँद, पूजती   चौथ  व्रती  बन। .             नारि सुहागिन कर रही,पूजा जप तप ध्यान। […]

चंट चतुर चालाक छै, नेता  नागर  नाग। सीधे सादे सादगी, जनता जगती  जाग। जनता जगती जाग,बबेरो बोल बणायो। आयो  दौर चुणाव, घणेरो ढोल बजायो। कहे लाल कविराय,वोटाँ का घलगा घंट। जनता  रही भोली, नेता  वाँ बणगा चंट। .           दल बदली नेता करै,छल बल धन की मार। जनता  जोरी   सूँ लड़ै […]

.                 1 सपन सुभागी है सदा,उत्तम इसकी जात। नींद रहे तक दोय है, इकले  जगे  प्रभात।। .                2 सपने खुलती  आँख के, सोन नहीं  है देत। प्राप्त करे हम लक्ष्य को,तभी चैन अरु हेत।। .                3 स्वप्न देश के देखिये, खुशहाली चहुँओर। मेरे भारत में करे, स्वर्ण विहग शुभ भोर।। .                4 सपना सारे […]

.               एक दीप उनका का भी, रख लेना पूजा की थाली में। जिनकी सांसे थम गई थी, भारत माँ की रखवाली में.!! एक दीये की आशा लेकर, अन्न  दाता  भी  बैठा  है। । राज तो पहले रूठ रहा, अब राम भी जिससे रूठा है। निर्धन का कोई धर्म न होता, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।