गिरिधर गोपालदास की छत्रछाया में पले-बढ़े थे, अल्पायु में ही दीखलाया चतुर्दिशा का हर एक बिंदु। हिंदी, हिंदू ,हिंदुस्तान का उद्घोष किया, कहलाये आधुनिक हिंदी के पितामह भारतेंदु।। हिंदी भाषा की नींव रखी, रीतिकालीन गलियारों से। मातृभाषा की सेवा में लगे, तन-मन-धन हृदय विकारों से।। हिन्द के हिंदी कुलदीपक थे, […]

तनु-राहुल की शादी मे यादगार पलो का साक्षी पूरा शहर रहा। चूंकि राणा जी का अपना रुतबा-अपनी शान है, इसलिए मेहमान भी नामचीन थे, लजीज पकवान और दिल से की मेजबानी ने राणा -शर्मा परिवार को दिल से बधाइयाँ दी। स्वरूचि भोज की लंबी श्रृंखला के मध्य में एक पोस्टर […]

एक सच्चे भारतीय नागरिक का प्रतिनिधित्व करती कुछ पंक्तियाँ दीप मैं जलाता हूँ, ईद भी मनाता हूँ, भांगड़ा भी पाता हूँ, जिंगलबेल गाता हूँ। नदियों की कलकल के, हिरणों की हलचल के, बरखा और बादल के, गीत मैं सुनाता हूँ। सैनिकों के शौर्य की, किसानों के धैर्य की, शिक्षक के […]

बैठे- बैठे रोज़ मैं तकती आसमान में चिड़िया को , बार-बार पूछा करती अपनी सुंदर गुड़िया को , मन करता है उड़ जाऊ मैं एक पल को आकाश में , मुझको गुड़िया समझाती थी पंख कहाँ तेरे पास है, मैं छोटी थी समझ न पाती गुड़िया से झटपट लड़ जाती […]

कल शाम सब्जी मंडी में, मीनेष और मै, एक  दुकान से तरकारी खरीद रहे थे, दोनो समीप ही थे, मोल भाव किया, तरकारी खरीदी, लाख प्रयास के बाद भी मीनेष नजर बचाते हुए चल दिया। दूसरा दिन, अलसुबह चेहरे की किताब (फेस बुक )पर नजरे दौड रही थी, तभी मीनेष […]

पिछले दिनों, मां शीतला सप्तमी का त्यौहार और महिला दिवस एक ही दिन होने से पूरा दिन मातृशक्ति को समर्पित रहा है । पहला त्यौहार मां शीतला की अराधना में तथा ठंडा प्रसाद खाकर, घर-घर में शीतलता बनी रही, वही दूसरी और समूचे समाज ने नारी शक्ति पर ढेरों कार्यक्रम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।