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पिछले दिनों, मां शीतला सप्तमी का त्यौहार और महिला दिवस एक ही दिन होने से पूरा दिन मातृशक्ति को समर्पित रहा है । पहला त्यौहार मां शीतला की अराधना में तथा ठंडा प्रसाद खाकर, घर-घर में शीतलता बनी रही, वही दूसरी और समूचे समाज ने नारी शक्ति पर ढेरों कार्यक्रम कर महिलाओं के अधिकार-दायित्व पर बात की तो वही सृजन से घर बनाने तक की महत्ती भूमिका में नारी शक्ति को अहम बताया। सार रूप में नारी पूज्यनीय थी, पूज्यनीय है और पूज्यनीय रहेगी ।
सोशल मीडिया पर ढेरों संदेशों ने इस महत्व को और खास बना दिया । अनंत संदेश पढ़ें, लेकिन ख्यात महिला वकील वीणा जी का संदेश सबसे भारी रहा । वीणा मांडलिक जी ने सभी महिलाओं को इस पावन दिन पर अपनी शुभकामना दी, और संदेश के माध्यम से अपील की की सभी बहनें यदि मां शीतला का वास्तविक प्रसाद पाना चाहती हैं तो आज से प्रण करें कि वे स्वयं का दिमाग ठंडा रखेगी । अनावश्यक बातों के स्थान पर परिवार में सभी से शीतलता के साथ मिलजुल कर, परिवार को जोड़ने का हर संभव प्रयास करेंगी, क्योंकि महिला ही घर को घर बनाती है , यही नहीं महिला दिवस की सार्थकता तब पूर्ण होगी जब हम सभी महिलाओं की क़द्र करें और बुजुर्गों की सेवा तन-मन और धन से करें, उनके स्वास्थ्य, का बखूबी ख्याल रखें । इस कार्य से घर में शांति, मन में शांति और परिवार समाज में आपसी स्नेह बढ़ेगा। इस संदेश ने दोनों त्यौहारों की खुशियां दोगुनी कर दी ।
#विजयसिंह चौहान
परिचय : विजयसिंह चौहान की जन्मतिथि ५ दिसंबर १९७० और जन्मस्थान इन्दौर हैl आप वर्तमान में इन्दौर(मध्यप्रदेश)में बसे हुए हैंl इन्दौर शहर से ही आपने वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ विधि और पत्रकारिता विषय की पढ़ाई की हैl आपका कार्यक्षेत्र इन्दौर ही हैl सामाजिक क्षेत्र में आप सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं,तो स्वतंत्र लेखन,सामाजिक जागरूकता,तथा संस्थाओं-वकालात के माध्यम से सेवा भी करते हैंl विधा-काव्य,व्यंग्य,लघुकथा व लेख हैl उपलब्धियां यही है कि,उच्च न्यायालय(इन्दौर) में अभिभाषक के रूप में सतत कार्य तथा स्वतंत्र पत्रकारिता में मगन हैंl
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