सुमातरम सुमातरम,सुमातरम सुमातरम, हे भारती सुमातरम,हे वन्दे मातरम… वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम्,वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम वन्दे मातरम,वन्दे मातरम,वन्दे मातरम,वन्दे मातरम। पवित्र नद्य निर्मलम,भूमि शस्यश्यामलम। सुफलाम सर्वहितम,पतितजनों पावनम, वन्दे-गंगे,वन्दे-गंगे,वन्दे-गंगे,गंगे मातरम। वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम। सुमातरम……………….ll पूज्यधेनु तुलसीयम,आँगनम सुशोभितम भावना सुमारगम, सौम्यता सुजीवनम। वन्दे-हिन्दे,वन्दे-हिन्दे,वन्दे-हिन्दे,हिन्दे मातरम। वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम। सुमातरम,……………..ll सैन्यजन महानतम,साहसी सुजानतम, भारती सुभोरतम,बाहुबल विशालतम। वन्दे-नंदे,वन्दे-नंदे,वन्दे-नंदे,नंदे मातरम, वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम। […]

हृदय समुंदर,वीर धुरंधर, माथ चंदन कहिए,जय वीर वंदन करिए। रक्षक है ये भारती माता,शत्रु इनसे थर-थर थर्राता। करत नमन रहिए,जय जयति भजन करिए।   हृदय समुंदर………………. मुकुट हिमाचल शिखर सुशोभित, महासागर हिन्द माँ पग धोवित। रक्षक भुवन जनिए,रज वीर वरण करिए। हृदय समुंदर…………… हरी भरी माँ ओढ़े चुनरी, गंग,नर्मदे सरस्  सर […]

भारती भारती,माँ भारती भारती। माँ भारती की कीजिए मिल के आरती। भारती……………ll गूँजती दशोदिशम्,कीर्तियाँ जनोजनम्। पूँजती मनोजनम्,मूर्तियां तपोभवन्। भारती भारती…….ll भारती जयोजयम्,विश्वभर नमोनमन्। सभ्यता उत्थोनयम्,संस्कृति नमोनमन्। भारती……………..ll मुकुट है हिमालयम्,देवता शिवालयम्। पगो दे पखारयम्,दक्षिणेन जलालयम्। भारती……………..ll ललाट लेप चंदनम्,सुगंध पुष्पअर्पणम्। जनमोजनम वंदनम्,भारतीय नंदनम्। भारती……………..ll हरितवर्ण सुंदरम्,सौंदर्य मनोहरम्। नदय,झर,सरोवरम्,रक्षकाम् धरोहरम्। भारती………………ll […]

हिन्दी मेरे हिन्दुस्तां,की जान दोस्तों। हिन्दी से पुरानी है,पहचान दोस्तों ll   भाषाई कई लिखे,सबने गीत गाए। हिन्दी के गीत चढ़े,परवान दोस्तों ll  हिन्दी है बड़ी मधुर,संयम भी बहुत है। हिन्दी के क्या गाऊँ,गुणगान दोस्तों ll  प्रेम डोरी बांध के,यश सबको दिलाए। हिन्दी जमीं हमारी,आसमान दोस्तों ll  ओ हिन्द के बाशिंदों,हिन्दी ज्ञान लीजिए। मातृभाषा बढ़ाओ,जगशान दोस्तों ll हिन्दी को […]

शूरवीर बुंदेला छत्रसाल सो प्रिये, बस गयो बुंदेलखंड जन-जन के हिये। परताप महाराजा को ध्यान धर ले, बुंदेलखंड आन,बान,शान के लिएll युवाओं को छाती अगन भर दे, कथाओं में खुद को मगन कर ले। बुंदेलखंड माटी नमन कर ले, मातृभूमि जीवन हवन कर दे। जिंदाबाद-जिंदाबाद वीर छत्रसाल, बुंदेलखंड जन-जन भजन […]

अपनों से क्यों रुठी हो, अब मान भी जाओ गौरैया.. नन्हें-मुन्ने तुम्हें बुलाते, मेरे आँगन आओ गौरैया। दादी कहती रोज कहानी, जिसमें होती गौरैया दादू रखते दाना पानी, बाग बगीचे और मुंडेरे। छज्जे ऊपर डब्बा टांगा, पानी का सकोरा बाँधा चावल के दाने बिखराए, रहने आजा  गौरैया। अपनों से क्यों […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।