दिल को जब बात और लगेगी तब उधर भी रात और लगेगी तुम समझते रहे बस खेल जिसे वो सारी मुलाक़ात और लगेगी मुकम्मल होगी गर तेरी कोशिश तो मेरी भी शुरुआत और लगेगी चाँदनी मुखड़े से होती मीठी बातें तो सारी बिखरी खैरात और लगेगी रख दो जो जुल्फों […]
अगर कुछ जलाना ही है तो जला दो मुझे जाति-धर्म के इस रिवाज़ से हटा दो मुझे अगर नहीं जगह मेरे लिए अब समाज में किसी पत्थर जैसे दीवार में लगा दो मुझे फीका हो गया हूँ तुम्हारी चमक के सामने बुझते सूरज के साथ-साथ ही बुझा दो मुझे कहाँ […]
तुमने अभी हठधर्मिता देखी ही कहाँ है अंतर्मन को शून्य करने का व्याकरण मुझे भी आता है अल्पविराम,अर्धविराम,पूर्णविराम की राजनीति मैं भी जानती हूँ यूँ भावनाशून्य आँकलन के सिक्के अब और नहीं चलेंगे स्त्रियों का बाजारवाद अब समझदार हो चुका है खुदरे बाजार से लेकर शेयर मार्किट तक में इनको […]
रात रोता है मेरा,सवेरा रोता है मेरा तेरे बगैर यूँ ही गुज़ारा होता है मेरा तुम थे तो ज़िंदगी कितनी आसाँ थी अब हर काम दो-बारा होता है मेरा किस- किस पल को हिदायत दूँ मैं हरेक पल ही आवारा होता है मेरा तुझे नहीं तेरा साया ही तो माँगा […]
तुमने अभी हठधर्मिता देखी ही कहाँ है अंतर्मन को शून्य करने का व्याकरण मुझे भी आता है अल्पविराम,अर्धविराम,पूर्णविराम की राजनीति मैं भी जानती हूँ यूँ भावनाशून्य आँकलन के सिक्के अब और नहीं चलेंगे स्त्रियों का बाजारवाद अब समझदार हो चुका है खुदरे बाजार से लेकर शेयर मार्किट तक में इनको […]
जिस्मों की हिस्सेदारी में मेरा और उसका ये अनुपात था कि उसको मेरे बाल,होंठ,गाल,स्तन,पेट,नितम्ब,जाँघ,योनि और टाँगों से खेलने और उनको खोलने की पूरी आज़ादी थी और मेरे हिस्से में थी उसके किए प्यार के उपरान्त की थकान, पीड़ा, कष्ट,दर्द और निशब्द लाचारी क्योंकि अनुपात के गणित को मर्द और औरत […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।