सीवान, बिहार | बिहार के सीवान जिला के चैनपुर गाँव के भीष्म प्रसाद के पुत्र रुपेश कुमार जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहें ने साहित्य मे पूरे भारत मे अपना परचम लहराया है ! रुपेश भौतिक विज्ञान से स्नाकोतर एवं बीएड कर चुके है वर्तमान मे रिसर्च की तैयारी […]

आओ इस दीवाली एक दीप नया जलाए समाज में व्याप्त बुराइयों को जलाकर भगाएं इस बार हम मिट्टी के ही दीप जलाए भारतीयता का परचम इस जग में लहराये राम लला जब बुराई को हराकर घर पर आए जब ही सब ने सुंदर सुसज्जित दीप सजाए थे। इस बार कुम्हार […]

तुम्हारा मुझे एक टक निहारना मुझें बहुत याद आता है , तुम्हारा दुपट्टे में मुँह छिपा कर मुस्कुराना , मुझें बहुत याद आता है , नित्य नये-नये खत लिख कर देना , मुझें बहुत याद आता है , ऊपर से गुस्सा होना और भीतर ही भीतर मुझें दिल से मानना […]

पावन त्याग और अतुलित बलिदान की यशोभूमि का नाम है भारत वर्ष। शिशु अजय सिंह के बलिदान, साहिबजादा जोरावर सिंह व साहिबजादा फतेह सिंह का प्राणोत्सर्ग, शिशु ध्रुव के तप, शिशु प्रह्लाद की भक्ति, शिशु कृष्ण की बाललीला और वयोवृद्ध फौलादी बाबू वीर कुँवर सिंह की युद्धनीति तथा राष्ट्रवादी भावना […]

उस रात शहर में अच्छी बारिश हुई थी . इसलिए सुबह हर तरफ इसका असर नजर आ रहा था . गोलबाजार ओवर ब्रिज से बंगला साइड की तरफ बढ़ते ही डी आर एम आफिस के बगल वाले मैदान में भारी भीड़ जमा थी . बारिश के पानी से मैदान का […]

लिखता इमारतों के आसमानी गुरूर की इबारत लुटा दी, जिसके लिए देहातों ने अपनी अल्हड़ यौवन की पूंजी ले सतरंगी सपनों की झिलमिल जो आए थे माया के नगरों में बुझ गई, उम्मीदों की मशालें तमाम बचे अंगारों की राख, करते नीलाम, गुलामी के बाजारों में तड़पते, बिलखते, भूखे बचपन […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।