पुस्तक समीक्षा – सच , समय और साक्ष्य  शिवना प्रकाशन , सीहोर । मूल्य – 175 ₹  कोमलता से चुभन का यथार्थ एहसास कराती हैं शैलेन्द्र की कविताएं बैंक प्रबंधक के पद पर रह कर वित्तीय आंकड़ों में उलझते- सुलझते सेवानिवृत हुए प्रेम और मानवीय संवेदनाओं के कुशल चितेरे कवि […]

शाम के पांच बजने वाले थे । बारिश का मौसम होने के बाद भी आसमान पूरे दिन से साफ था । राधा ऑफिस से निकलने ही वाली थी कि देखते – देखते काली बदलियों ने नीले आसमान को लील लिया । बीच बीच में इनकी गर्जना से रह रह कर […]

हमारा देश अनादिकाल से ही हर क्षेत्र में स्वस्थ परम्पराओं , रीति -रिवाज और आपसी सद्भभाव का संवाहक रहा है जिसका प्रतिफल सदैव ही सकारात्मक रूप में हमारे सामने आया है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो हमारी संस्कृति अन्य देशों के लिए भी आदर्श बनी है जिसके कई उदाहरण […]

रमेश सीधा – सादा अंतर्मुखी युवक था । स्नातक के अंतिम वर्ष तक आते आते भी महाविद्यालय में उसके कोई स्थाई मित्र नहीं बने थे । रमेश के इस व्यवहार से अनेक आवारा छात्र अक्सर उसे परेशान किया करते थे । खुद को असुरक्षित पाकर भी वह सबकी अनदेखी ही […]

यह तो सत्य है ही कि दीवारें करती है विभक्त हिस्सों में । ये हिस्से बाँट देते हैं – देश को भी और घर परिवारों को भी । जितना सत्य है यह , उतना ही सत्य यह भी है कि दीवारें देती हैं सुरक्षा भी । इन दीवारों से ही […]

पत्रिका समीक्षा …………….. किसलय साहित्यिक संस्था की अनियतकालीन पत्रिका शब्दध्वज ने कवि एवं सम्पादक पंकज पटरियां की कविताओं पर केंद्रित काव्य संग्रह ” धूप आती तो है ….” का प्रकाशन किया है। नर्मदांचल के साहित्य और पत्रकारिता जगत में पंकज पटेरिया एक लब्ध प्रतिष्ठित  नाम है । शब्द ध्वज जिसके […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।