घर का दीपक, बेटा होता है। कुटुम्ब परिवार का नाम चलता है। बेटी तो शादी के बाद पति के घर चली जाती है। ससुराल में अपना ही घर-परिवार बसाती है। सदियों से ये परम्परा, चली आई है चलती जाएगी, कानून में भी मान्यता है। बेटी से भी ससुराल में, […]

तीन रंग का तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा। सफेद हरा केसरिया रंग है, एकता शांति सदभाव भरा है, सुख समृद्धि भाव भरा है। झंडे की है शान निराली, हर घर में है खुशहाली है। वीर जवानों शान वान है, मुश्किल चाहे जो भी आए, झंडे की शान है आन […]

आराधना ईश्वर की करो, अपने जीवन को सफल करो। गृहस्थ आश्रम जीवन का परिश्रम, जीवन से मृत्यु तक इन्सान का जीवन, सबसे सुन्दर है जीवन का बचपन। बचपन में बच्चों को सिखाओ वही सीखते हैं, माता-पिता का अनुसरण करते हैं, शिक्षा दो जैसी वैसा वो सीखते हैं। बचपन का जीवन […]

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दिल में बसा के आपने अहसान कर दिया, दिल का जो पूरा आपने अरमान कर दिया। पाया जो इश्क़ यार का दीवानी हो गई, दुनिया से हमको यार ने अंजान कर दिया। अब और क्या सबूत दूँ मैं अपनी वफ़ाओं का, जीवन ये सारा प्यार पे कुर्बान कर दिया। तूफान […]

सावन की घटाएँ, जैसे गौरी की अदाएं। पहले गरजती है, फिर वो चमकती है। घनघोर घटाएँ, फिर वो बरसती है। किसी के दिल को, ठंडक पहुँचाती है। पिया बिन गौरी के, दिल को जलाती है। पानी में भीग-भीग, तन जो हो गीला। मन मचल जाए, झूले जब झूला। ठंडी ये […]

पूजा-भक्ति रोज करुं, मां तेरा ही गुणगान करुं। हम भक्तों पर दया भी करना, ज्ञान थोड़ा हम सबको देना। हम अज्ञानी करें वन्दना, हाथ जोड़कर पूजा-प्रार्थना। वीणा वादिनी,हंस वाहिनी, ज्ञान की शक्ति देवी है। मां बिन तेरे न कुछ होए, जिससे रूष्ट कभी हो जाए। उसकी बुद्धि ही हर ले, […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।