ये बेचैनी,ये मायुसी आजीवन है तेरे लिए आज भी दुखता मन है। तुझे भूलना मेरे साहस मे नही है नसो मे तेरे प्यार का चलन है। दिल अब भी करता है तेरी जीद पर तु किसी ओर की जानेमन है। हां,एक बात पुछनी थी पर तुझसे क्या सच मे शुकून […]

वतनवालो तुमको है ये पैगाम करो चंद लम्हे उन वीरो के नाम …… उतरे है जो खरे हमारी हसरत पर बहाया है लहू वतन की सरहद पर दिले गहराई से आवो करे उन्हे सलाम वतनवालो…… …… बिस्मिल,अश्फाक की वो सरफरोश बोली “आजाद”,लाजपत की वो खून की होली दो उन यादो […]

झूठ के हाथों सत्य का अपहरण हो गया है शासन-प्रशासन देश का कुम्भकरण हो गया है पैसे वाले जीत जाते है हर बार वहां पर इंसाफ के मंदिरो का बाजारीकरण हो गया है ….. खूब चल रहा है बाबाओं का ढ़ोंग धतुरा अंधविश्वास मे डूबा है भारत देश पुरा सियासत […]

पहले से और बेहत्तर हो गया हूं मै टूटकर अब पत्थर हो गया हूं। नदियां खूद आती है मिलने मुझसे मै खूद मे एक समंदर हो गया हूं। इतनी चोट की वक्त और हालात ने टुकडा था,अब खंजर हो गया हूं। ये शानो सौकत बस दिखावे की है मै अंदर […]

नगदी के नाम पर उधारी कुछ ज्यादा है यारी के नाम पर मक्कारी कुछ ज्यादा है। .. .. साहित्य मे भी होने लगे है घपले-घोटाले कविता के नाम पर कलाकारी कुछ ज्यादा है। .. . वो डिजिटल इंडिया का कर रहे है वादा पर देश-प्रदेश मे बेरोजगारी कुछ ज्यादा है। […]

रक्षाबंधन का एक ही है विकल्प। बहन की रक्षा का भाई ले संकल्प।। यह राखी बहन ले भाई से वादा। हर नारी के प्रति हो नेक इरादा।। माता-पिता की सेवा मे भाई दे योगदान। तो बहन करे सास-ससुर का सम्मान।। यह त्यौहार बहन ले तोहफा विशेष। भाई से वचन ले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।