भ्रष्टाचार आज देश की है,हकीकत, इसने मेरे देश का किया है रूप,विकृत l कभी अपराधी बन के नेता तो, कभी अभिनेता बन के नेता बताते हैं अपनी असली,फितरत l कला और प्रतिभा एक कोने में छिप जाती है, धन ही दिखाता है अपनी असली,मूरत l ऊपर का हो या […]

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आज नहीं मर रहा है केवल एक इंसान,  न ही मर रहे हैं सिर्फ बूढ़े लाचार शरीर पर आज… मर रही हैं उम्मीद के झिलमिलाते दीप लिए,  चौखट पे जमी मां की आंखें जो अपने बेटे के इंतज़ार में पथरा-सी गईं हैं l  आज मर रही है माँ की ममता  […]

आज धन हो तो शिक्षा होती है, बिना धन के तो प्रतिभा भी रोती है। मुझे गर्व है मैं हिन्दुस्तान में रहती हूँ, फिर क्यूं मेरे देश में केवल अंग्रेजी ही सम्मान से जीती है। लाख योजना निकल के बन्द कागजों तक सीमित रह जाती है, इसलिए तो लाखों कला […]

बहू है तो वंश है, बहू में ही पलता तुम्हारा अंश है। बहू को पराया कहना एक वहम है, बहू ही हर गम सहकर बनाए रखती तुम्हारा अहम है.. क्यूं फिर उसको माना जाता केवल भ्रम है। बहू खुशी की लहर है, फिर क्यूं कहा जाता उसे दुखों का कहर […]

हर दिन नारी की इज्जत से ‘खेला’ जाता है, कभी शब्दों से तो,कभी हाथों से नारी को ‘मैला’ किया जाता है। अपमान के घूँट को पीना नारी का ‘फर्ज’ माना जाता है, मान तो पुरूषों के हिस्से में आता है.. नारी को तो आज भी एक ‘कर्ज’ माना जाता है। […]

तेरे हमराह यूं चलना नहीं आता मुझको, वक्त के साथ बदलना नहीं आता मुझकोl     मैं वह पत्थर भी नहीं हूँ कि पिघल भी न सकूं, मोम बनकर भी पिघलना नहीं आता मुझकोl     कीमती शै भी किसी राह में खो जा अगर, हाथ अफ़सोस का मलना नहीं […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।