*’जन्नत’ में भी ये बेक़रारी क्यों हैं*                                                  कश्मीर के लिए निकलते वक़्त  दोस्त अनंत तिवारी ने कहा था कि पत्थरबाजों की मनोदशा समझ कर आना। जम्मू […]

भारत महान था,वीरों की खान था, फिर भी भारत मुगलों का गुलाम था। एक राजा दूसरे को मिटाने पर तुला था, इसलिए मेरा देश मुगलों का गुलाम था। भारत सुदृढ़ था,समृद्ध था भरोसेदार था, इसीलिए अन्य धर्मों के पीड़ितों को पाला था। पर उन्होंने ही भारतमाता को लहूलुहान किया, आज […]

निकला सूर्य बिखेरी किरणें भोर उठ गया, फिर भी बेंच पड़ी है खाली। हरी दूब के गलियारे में खेल रही है धूप कबड्डी, क्यारी में गुलमोहर खिलता खोल रहा कलियों की गड्डी। पेड़ों की पुलुई पर चौसर, खेल रही है पासा फेंक सुनहरी लाली। लगता तो है कुछ-कुछ ऐसा हवा […]

न करो भाइयों अपने ही घर में राजनीति, ये तो है दोहरे किरदार वालों की कूटनीति। इससे तो अपने आपसी रिश्तों में आती हैं दूरियां, बन जाती है घर के अंदर लाने से ये फूटनीति। लाओगे घर में इसे तो,सुख से न रह पाओगे, गँवाओगे सब कुछ,और नींद-चैन सब गँवाओगे। […]

कभी खो न जाए तुम्हारा, मुझ पर है जो विश्वास। करती हूं कोशिश सदा,देश,काल, परिस्थितियाँ  नहीं देती साथ॥ तुम्हारा विश्वास ही तो है, जो आज भी फ़िक्र करते हो मेरी। और मेरा,मेरा विश्वास भी तो देखो, किया न तुम पर अटूट॥ कुछ भी हुआ पर, उसे न टूटने दिया,हमने। सभी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।