योग दिवस पर वे बेचारे बहुत अफसोस कर रहे हैं जो योग नहीं कर पाए फेसबुक के लिए फोटो भी नहीं मिला। अगर आप मिडिल क्लास से आते हैं और ‘जी’ रहे हैं तो आपसे बड़ा ‘योगी’ कौन? जिंदगी की योगा क्लास कभी खत्म नहीं होती आप एक आसन की […]
ध्यान का पुंज है ज्ञान का कुंज है शब्दभावों की अठखेली है अंत:प्रेरणा से बह निकली है कविता मेरी अंतरंग सखी है कि जगा देती है कभी भी हाथ पकड़ कर उठा देती है कलम थमा जता देती है कि उसे भावों की दुशाला ओढ़ वक्त के शिलालेख पर सजना […]
शत–प्रतिशत सच है, कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। न देखी जाती है उम्र, स्वयं की और न सामने वाले की। बस होनी चाहिए, मन के एक कोने में ललक, संग कुछ पाने की जिज्ञासा। हाॅं…. सीखा जा सकता है, एक छोटे बच्चे से। सीख सकते हैं बुज़ुर्ग से, […]
सूर्यास्त के समय वो गुनगुनाते हुए निकल जाता था। शायद ही ऐसा होता की उसका पूरा खोमचा बेचा न गया हो। आते वक्त साइकल की घंटी बजाता और जाते वक्त गुनगुनाता। उसके जाने के कुछ पल के पश्चात पशुओं का आना होता वहां। गांव से जाता था वही एक रास्ता […]
वासनाओं के घड़े हैं, देखिए कब फूटते हैं, ध्येय में ही दोष सारे, भाव कब ये सूझते हैं! रोज़ दिखना, रोज़ छपना, रोग कैसा, सत्य कहना। लेखनी की तज महत्ता संगतों में क्यों विचरना? धार के तैराक देखो, पोखरों में डूबते हैं, ध्येय में ही दोष सारे, भाव कब ये […]
यदि आप कविता लिखते हैं तो मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए कविता लेखन प्रतियोगिता। विशेष कविता प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें आप जलियांवाला बाग या उससे जुड़े विषय पर अपनी कविता लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट कॉम पर होगा। जलियांवाला बाग नरसंहार को […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।