अम्मा अब न चावल चुनती, न बड़ियों को धूप दिखाती। बर्गर-पिज्जा मांगे मुन्ना, मुनिया भी न खीले खाती। आंगन चिड़िया का छूट गया, क्यों भाग्य विधाता रुठ गया ? सूने सारे दालान पड़े, खाली सारे खलियान पड़े। खेतों से उठकर के बोरे, जब गोदामों की ओर बढ़े। दाना चिड़िया का […]