2

धूप जैसे बरसती रही प्यार की, ज़िंदगी गुनगुनी-सी सिंकती रही.. तेरे वजूद की गर्मियाँ ही तो थीं, सर्द मौसम में दुशाले-सी लिपटी रहीं। धुंधली होती रही जो वक्त की गर्द से, उन लम्हों की महक अब भी बाकी तो है.. भीनी-भीनी सही,पर मिट न सकी, रुह के नूर में जैसे […]

धन और ईमान, धन सुखी ईमान परेशान.. धन बोला अकड़ से,मेरी अनोखी शान, ईमान बोला शिष्टता से देते मुझे सब मान.. दो मित्र धन और ईमान…..। धन और ईमान, पढ़ें एक ही स्कूल में.. ईमान खोया किताबों में, धन डूबा स्वीमिंग पूल में.. दो मित्र धन और ईमान….। धन और […]

1

दूर जाना और दूर होना दो अलग बात है, क्या कहूँ? रिश्तों के दरम्यान ये तो समय की बात है। विश्वास,मधुरता यही यादों की बात है, पुराने छूटते हैं.. नए मिलते हैं, ये तो अरसों से बात है। जुड़ जाते हैं कैसे ये? स्नेह के बन्धन, ये तो एक-दूजे के […]

1

पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में साक्षात्कार देने के लिए पहुंचा। छात्र ने बड़ी आसानी से पहला साक्षात्कार पास कर लिया..। अब अंतिम साक्षात्कार कंपनी के डायरेक्टर को लेना था। डायरेक्टर को ही तय करना था,कि उस छात्र को नौकरी […]

1

नए वर्ष के नव जीवन में, नई उमंगें आने दो.. इन्सानों की दुनिया में तुम, अब सबको मुस्काने दो। सत्य,प्रेम की बातों से तुम, जग को भी तर जाने दो.. आशाओं और उम्मीदों को, नए ख्वाब सजाने दो। तम की काली रातों में, अब पूर्णिमा घुल जाने दो.. जीवन की […]

सुबह के छः बजे हैं। कल सरकारी छुट्टी थी तो मैं बेटी और बेटे को मेले घुमाने ले गया था,इसलिये सभी को रात को सोने में देर हो गई थी। श्रीमती जी खुद सुबह ५ बजे उठकर सभी के टिफिन बनाकर तैयार कर चुकी हैं। फिर भी घर में सुबह के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।