अंधकार था रात घना पर सुबह बड़ी सपनीली है जितना काला अंधियारा था उतनी यह रंगीली है अभी इसे तुम छुओ नहीं यह अभी ज़रा सी गीली है सूरज अभी नहीं आया है थोड़ी सीली – सीली है। सूरज की लाली देखो अब कहीं – कहीं पर पीली है । […]
जीवन एक यात्रा ऐसी जिसमे पथ के विषम जाल हैं कहीं शिखर पद के नीचे तो कहीं गर्त में झुका भाल है उठा रहा गिरि कहीं विपद् को कहीं पवन को रोक रहा है एक प्रवाह सनातन चलता काल स्वयं ही झोंक रहा चलता राही पथ पर अपने साधे निज […]
बचपन में तू शोर शराबे से कितना घबराता था गर थोड़ा सा मैं ना दिखूँ तो तू कितना डर जाता था ॥ दिवाली पर फुलझड़ियों की चिंगारी दिख जाए तो तेज पटाखे के शोर से भाग के घर में आता था ॥ अब गोली बारूदो की आवाज़े कैसे तू सह […]
हिंद के इस सरजमीं पर, अंग्रेजों का ताना-बाना है। राजभाषा को तुच्छ समझते, ये कैसा मनमाना है।। हिंदी से ही सभ्यता, संस्कृति, संस्कार, हिंदी से ही हम सब की परिपाटी है। पुरा समय से भारत मां की वंदन करती, हिंदी से ही हिंद की अनुपम माटी है।। हिंदी और हिंद […]
कि जीवन जीने का है काम कि जीवन मरने का है लक्ष्य कि जीवन कटता है हर याम कि जीवन बनता है बस भक्ष्य लगी है युद्धों की जो आग छेड़ता कौन है इसका राग दूर से देख जगत का नाश गाता कौन मौज का फाग जानता है जब नर […]
हिन्दी दिवस विशेष…….. सबसे सरल सहज है हिन्दी सबसे पावन निर्मल हिन्दी शब्द अलौकिक अर्थ अनेक विषय विश्व का है बस एक जिसपर गर्व हमें है रहता हिन्दी हैं हम, मन है कहता हिन्दी मन की अभिलाषा है हिन्दी जीवन की आशा है अद्भुत, अद्वितीय ,अनुपम हिन्दी भाषा का श्रृंगार […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।