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उम्र  यूँ रेत-सी फिसलती रही, लाख बंदिशों के बावजूद  बिखरती रही।   ना मुकाम पाया ,ना मुकाम का कोई निशां, जिन्दगी तो मेरी  राह में  निकलती  रही …l अरमां थे कि ख्वाबों का बनाएँगे आशियाना, जोड़ने लगा मैं तिनके –तिनके,चुन –चुन  के   मगर आँधियाँ मुझसे होकर फिर गुजरती रही।   […]

इस सवाल पर लोगों द्वारा किए गए चुनिंदा कमेंट्स यहां पढ़वा रहे हैं..पढ़िए हिन्दी माध्यम वालों का दर्द…. -किशनसिंह ने लिखा-‘बिलकुल परेशानी हुई,ये हमारी शिक्षा व्यवस्था की नाकामी है कि 12वीं तक साइंस पढ़ने वाले हिन्दी में पढ़ते हैं,लेकिन बीएससी इंग्लिश में करते हैंl ऐसे में प्राइवेट सेक्टर में तो […]

बड़ी करिश्माई चीज़ है `औरत`, जिसे देखिए वह कहता है जिसे देखिए वह लिखता है, हर कोई समझने की कोशिश करता हैll कोई उलझी कहता है, कोई सुलझी कहता है कोई आंसू कहता है कोई मोती कहता है कोई अबला बनाता है कोई शक्ति बनाता हैl कहीं भोग्या, कहीं त्याज्या […]

मेरी मोहब्बत से जब ये, तेरा दिल भर जाएगा। तुझसे दूर होकर जब ये, दिल आंसू बहाएगा।।  हर ज़र्रे में,हर लम्हें में,  तेरा अक्स नज़र आएगा।। दूर रहकर फिर भी, तेरा ख्याल आएगा।। बैचेनी के लम्हों में बस, नाम ए वफ़ा गुनगुनाऊंगा।। मैं फिर भी तुमको चाहूंगा मैं फिर भी […]

भारती के लाल हम, मातृभूमि रक्षा हित प्राण दान करने में, हिचक न लाते हैं। घर-बार छोड़-छाड़, प्रियजन को बिसार रात-दिन राष्ट्र हित , एक कर जाते हैं। जंगलों पहाड़ों बीच, प्राण ले हथेलियों में काल से भी लड़ने को, भय नहीं खाते हैं। कोई शत्रु सीमा पार, करके जो […]

खर्चों में इजाफा है, तनख्वाह में इजाफा है। हर रोज कम होती जिन्दगी में सुकून खफा सा है, अब कोई भी रिश्ते में जज्बात नहीं बाकी। हर रिश्ता यही पूछे मेरा, क्या मुनाफा है। …….—-  #अमित शुक्ला, बरेली Post Views: 235

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।