राहुल आज बहुत खुश था आखिर उसे रक्षाबंधन के त्यौहार का हमेशा से इंतजार रहता है।क्योंकि आज उसकी बहन साक्षी घर आने वाली है,दोनों भाई बहन बचपन से साथ पले-बढ़े।लेकिन परिस्थिति कुछ ऐसी बनी कि राहुल आज एक करोड़पति और बहुत पैसे वाला व्यक्ति है,किंतु साक्षी जो शादी के बाद […]

आज अपने ही अंतर्मन में झाँक रहा हूँ। आज फिर अपने आप को नाप रहा हूँ।। आरोप दूसरे पर हर पल करता है ये मन। क्यों ये अपना ही करता नही आंकलन ।। क्यों ये दुसरो के कर्मो को तराजू में तोलता है। दूसरे पलड़े में खुद को रखकर क्यों […]

  लहराता तिरंगा देखकर मन प्रफुलित हो जाये, केशरिया रंग की शान ऐसी मन मे एक ऊर्जा बढ़ाये, देश पर प्राण लुटाने को ये हमारे मन में साहस बढ़ाये, लहराता तिरंगा देखकर मन प्रफुलित हो जाये, सफेद रंग की सुंदरता कुछ ऐसी जैसे चांदनी मुस्काए, लड़ाई झगड़ा ख़त्म कर ये […]

मेरे देश के युवा अब सही रास्तो को खो रहा है। देख के युवाओं की ये हालत,तिरंगा रो रहा है।। हर जगह देश का नक्शा अपने को एक भागती कन्या जैसा दिखा रहा है। ऐसे अपमान भरे नजारे देख देख कर तिरंगा हमारा शरमा रहा है।। लूट रही हर पल […]

हे भोले आज मेरा रंग कुछ तेरे संग ऐसा रंग जाए। ऐसी भक्ति दे मुझे,मेरा तन मन सब कुछ आज नीलकंठ हो जाए।। मैं कर दूं तुझ को सब कुछ अपना अर्पण। तू मेरे तन मन मे बन श्रृंगार मुझ में बस जाए।। जल,दूध,इत्र,केसर,चीनी,दही या भांग कुछ भी बनना मंजूर […]

दीवारो की दरारों से लोग हालात भांपने लगे, आँखो में दिखती लाली से लोग जज्बात मापने लगे, खुल कर मुस्कुराया जब कोई, तब लोग उसकी मुस्कुराहट के पीछे क्या राज है ताकने लगे, हर बार लोग तेरा इम्तिहान लेने लगे, किसी के जीने-मरने से किसी को कोई मतलब नही, एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।