तिरे लब पर हमेशा ही कोई रहता बहाना था, तुझे भी है मुहब्बत यह मुझे यूँ आज़माना था। मुझे तुम मिल गए मानो सभी कुछ मिल गया मुझको, तुम्हारा प्यार ही मेरे लिए जैसे खज़ाना था। हमेशा की तरह बारिश में मिलने रोज़ आता था, मुहब्बत का यक़ीं हर रोज़ […]
जग तरा दे वो नाव है बेटी, पिता की प्यारी चाव है बेटी.. मत पड़ने दो छाया दरिंदों की, क्योंकि पेड़ों-सी छांव है बेटी। बहती नदी का कुल है बेटी, बड़े बरगदों का मूल है बेटी.. क्यों तोड़ते हो मासूम कली को, आँगन का खिला फूल है बेटी। लक्ष्मी-सी करामात […]
घर की रौनक पिता से,उनसे घर की शान, पिता ईश्वर तुल्य हैं,उनका हो सम्मान। परवरिश,व भविष्य का,रखते हैं वो ध्यान, उनके कर्त्तव्यों से ही,सबको मिलता मान। सभी जरूरतों का वो,रखते सदा ख्याल, हो समस्याएं जो भी,करते हल तत्काल। माँ-बाप की सेवा ही,है पूजा के समान, इस दुनिया में वही हैं,हम […]
ढूंढ लाता हूँ शब्द, पिरोता हूँ लड़ी में मोती जैसे। पूछते हैं वो, कहां से ले आए इतने सहेजकर कैसे बताऊं.. उनको ढूंढना पड़ता है। सीपियों को गहरे समंदर से, आजकल अच्छी सीपियाँ बमुश्किल मिलती हैं। वरना मोतियों की, अच्छी किस्म की कमी नहीं होती। […]
बहुत हुआ धरती का दोहन, अब तो शर्म करो ए मानव। दूषित हुआ है पर्यावरण, थोड़ी दया करो ए दानव॥ जिसने दी हो हरियाली, वो धरती माँ है कहलाती। जिसने जहर पीकर अमृत दिया, उस पर ही तूने अत्याचार किया॥ अब वो मीठी बयार नहीं है, ये मनुपुत्र का प्यार […]
Valuable Strategies for Term Paper Service You Can Use Starting Immediately What You Need to Do About Term Paper Service Starting in the Next Ten Minutes After the very first read, one ought to be prepared to draft a research statement, which is going to be the center of the […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।