निशानी बाप-दादा की जो गिरवी रखने जाएगा, वो अपना आतिश-ए-लाचारगी में दिल जलाएगाl पढ़े-लिखों का है ये शहर वापस लौट जा प्यारे, यहाँ एहसास की बोली कोई न जान पाएगाl वो आँखें बंद करके भी मेरे जजबात पढ़ लेगा, मेरा कमअक्ल दिल कैसे हजारों गम छुपाएगाl यहाँ अरमान भी लोगों […]

किसे ये फासला मंज़ूर  होगा, यही सच है कोई मज़बूर होगाl  तुझे दिन-रात वो बस चाहता है, कि वो आशिक़ कभी मज़दूर  होगाl  इसे न छू,बहुत तकलीफ होगी, ज़रा से ज़ख्म में नासूर होगाl  अभी न तू समझ सकती मुझे भी, कभी गुस्सा तेरा काफूर  होगाl  रहो खामोश,तेरी न सुनेगा, […]

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इत्तेफ़ाकी भरा आलम न रहे, मैं मैं ना रहूँ और तू  तू न रहे। इन्तज़ार मुझे फिर यूं न रहे, मैं मैं ना रहूँ फिर तू तू न रहे। मैं ख़ुद से तुझे…रिहा कर दूँगा, बहती हुई तुझे…हवा कर दूँगा। के हर कोई तुुझे…चाहेगा पाना, ऐसी ही हसीन…सज़ा कर दूँगा॥ […]

काश ऐसी बरसात आए, जिसमें अहम डूब जाएं। नफरत की जमीं काई पर, भाईचारे के फूल खिल जाएं॥ काश ऐसी बरसात अब  आए, बगावत के पत्थर पिघल जाएं। घर-घर सुख-शांति, खुशियां हों ‘मैं’ अब  ‘हम’ में बदल जाएं॥                         […]

मन अकेला, चाहे दूर क्षितिज के पार से.. कोई अलबेला राह निहारे दिल से पुकारे। आजा रे, मेरे मनमीत बरसों हो गए तुझ को मानते.. मन की पीर जीने नहीं देती, आकर गले लगा ले॥      #श्रीमती राजेश्वरी जोशी परिचय : श्रीमती राजेश्वरी जोशी का निवास अजमेर (राजस्थान) में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।