माना गुस्ताखियाँ बहुत हुईं मुझसे, कहीं दिल आपका दुखा तो नहीं। हमने बिछाए फूल आपकी राहों में, बताएं कोई काँटा लगा तो नहीं। उनको ढूंढते ज़माना है गुजरा, हमनवां कोई अभी मिला तो नहीं। बड़ी संग-दिल खुदगर्ज़ है दुनिया, कोई हमदर्द हमें दिखा तो नहीं। तक़दीर पर जब किया यकीं […]
