शाम ढले वो कुछ अलकसाया सा था। दिन भर की थकन से मुरझाया सा था।। अजीब सी बेचैनी चेहरे पर तैर रही थी उसके। जिम्मेदारियों से वो कभी ना घबराया था।। आज एक तरफ ही उसका ध्यान था। बच्चे परेशां क्यों थे उसके वो हैरान था।। कभी अपने दर्द पर […]

जय हो जय हो नंद गोपाल, आ जाओ अब बाल गोपाल, मथुरा है दर्शन की प्यासी, इन्तेजार में हर ब्रजवासी, तुमको अब आना ही होगा, कंस को अब मिटाना ही होगा, तुम्हारे चरण छूने को यमुना तैयार, आ भी जाओ अब नंद के लाल, नभ में चमके बिजली घनघोर, आ […]

रोशनी चुभने लगी है आँखो में, एक अरसे से अंधेरे में रहा हूँ मैं, सपने आते ही नही अब सोने पर, एक अरसे से सोया नही हूँ मैं, मुस्कुराहट आती है,दर्द लिए चेहरे पर, एक अरसे से खुलकर हँसा नही हूँ मैं, समय बीत रहा जीवन का बड़ी तेजी से, […]

आ गए है भालू मामा। आज ये खूब करेंगे हंगामा। बिल्ली मौसी भी है आई। भालू के संग चल रही है उसकी लड़ाई। कैसे साथ मे अब नाचेंगे ये मिलकर। क्योंकि आज लोमड़- लोमड़ी की हैं शादी। आज लोमड़ भी नाचेगा होकर मस्त। काफी दिनों बाद उसे लोमड़ी मिली है […]

प्रयास करिए पुष्प सा, जो छोटे से अस्तित्व से पूरे गुलशन को महकाये। प्रयास करिए बाँसुरी सा, जो बस जरा सी होठो की छुहन से पूरी महफ़िल के कानों में घुल जाए। प्रयास करिए माझी सा, जो दो किनारों पर खड़े लोगो को आपस मे मिलवाये। प्रयास करिए जोड़ का, […]

उम्र के बदलाव से कभी ना बदले राखी का त्यौहार। छोटी थी जब बहन,तो रक्षाबंधन पर सुबह से तैयार।। पढ़ते समय भाई बहन में और बढ़ता जाता प्यार। बहन की रक्षा करने को भाई किसी भी समय तैयार।। समय बीतने पर जब शादी कर बहन की विदाई का समय आता। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।