एक दिन फरियाद मेरी सुनकर प्रकट हुए भगवान, बोले मांग अपनी मर्ज़ी की एक चीज ऐ इंसान। बहुत हुआ मैं खुश,लगा सोचने क्या माँगूं जो कर दे मेरी ज़िंदगी आसान, याद आए कुछ अधूरे सपने,पूरा करने के थे जिनके अरमान। पैसा,कार या बंगला? क्या माँगूं जो पाकर मैं बन जाऊं […]

न किसी से कुछ कह सकती, न किसी से कुछ बता सकती। काश़ ! आवाज दी होती परमात्मा ने, तब, कुछ तो दर्द बयाँ कर पाती। भर जाता दूध जब गाय के स्तन में, पुकारती बछड़े को अपने,लगा लेती थन में। वह रमाती,हुँकारती,अपने बछड़े को निहारती, बछड़ा भूखा होगा,सोचकर उसे […]

किसी के चाहने से कब कोई भी काम होता है, यहाँ जो त्याग करता है, उसी का नाम होता है…। यहाँ संसार में सबको विषय भोगों ने तड़पाया, जो चारों दान करता है, उसे आराम होता है…। अभय का दान परभव के दुखों का नाश कर देता, शास्त्रों के दान […]

चाँद, चाँद में दाग आकर्षण का केन्द्र दे शीतलता। बूंद, पानी की बूंद बूंद-बूंद बचाओ जल अमृत। नभ, सूर्य उदित धरती प्रकाशित नभ का राजा। वसंत, धरा सजी है मधुमय वसंत मस्त पवन।                                   […]

रहे पल्लवित-पुष्पित यह, राष्ट्र जीवन की  फुलवारी। विविध प्रान्त हैं सुमन मनोहर, खुशबू है सबकी न्यारी॥ भाषाएँ कई रम्य मनोरम, बोलियाँ कई यहाँ अनुपम। छह रितुएँ धर्म सात संग, है कहीं नहीं ऐसा दम-खम॥ फूटी सभ्यता किरण यहीं, जगे हम फिर जगत जागा। धर्म ज्ञान विज्ञान कला में, नित बढ़ते […]

बैठ कभी भी फुर्सत में, तुम सम्बन्धों की बात न करना। सम्बन्धों के समीकरण तो बदल रहे हैं॥ ठंडे झोंकों से जब मैंने, केवल तेरा नाम सुना था सतरंगी तब सपनों का, कोरा-सा इक जाल बना था मोहनी बन्धन मुस्कानों की बात न करना। मुस्कानों के अलंकरण तो बदल रहे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।