मुहब्बत जाम है या जहर जाने दो, इस आग के दरिया में उतर जाने दोl जो लम्हें साथ गुजरे वही जिंदगानी है, ये दिन ये महीने ये शामो-सहर जाने दोl अब तक जिस भुलावे में गुजरी है ये उम्र, उसी खयाल में बाकी भी गुजर जाने दोl तुम भी बेशक […]

ऋतु बसंत से अलहदा होता है मन का बसंत, शाख के हरिआते पत्ते गुंजित कलियाँ कहती, देखो ……. आनंदमय हुआ जग सारा मन के कोने में भूली बिसरी, अदना-सी स्मृति आकर कानों में कहती …… ऐ देख …. मैं    आ     गई। अचानक  बियाबान में मुस्कुरा उठा हो […]

भारत शब्द का अर्थ कितना निराला है, ‘इंडिया’ के नाम से हमें अंग्रेजों ने अपराधी कह डाला है। कभी ये देश विश्व गुरु कहलाता था, सारी दुनिया में इसका परचम लहराता है पर जब ‘इंडिया’ बना दिया है प्यारे हिन्दुस्तान को, ठेस लगी है उस दिन से भारत माता के […]

देशप्रेम की न सिर्फ बात होना चाहिए, इसके लिए लोगों,कुछ प्रयास होना चाहिए। जंगे मैदान के अलावा भी होते कई काम हैं, जो समाज में रहकर कर सकते हम, वो काम हैं। भारत महान है,ये मेरी शान है, वीरों का मेरे,ये अभिमान है। हो गंगा गोरी की रक्षा,करें गाय की […]

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कहने को तो संत है,न आशा न राम, आचरण इनका देखिए,गुण्डों जैसे कामl गुण्डों जैसे काम,खुद ने यो कृष्ण बताए, दुराचार का धंधा,कब से रहो चलाएl जुड़ा नाम में राम,काम रावण ते बदतर, व्याभिचार में लीन,उमर हो गई बहत्तरl नहीं उमर की लाज,बच्ची वो पोती जैसी, शरम न आई इनको,नीयत […]

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अश्क बहे मेरे दो नयनों से, मन की पीड़ा बयां करने को मन का मैल धुल जाए रे सखी, अश्रु भरे नयनों के जल से। बह जाने दो दिल के अरमां, आंसूओं की धारा बन के धुल जाने दो सारे मन का मैल, तुम्हारे अपने अश्रु के जल से। आँसू […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।