शुक्रवार कॊ प्रदर्शित हुई फिल्म ‘सिमरन’ की अवधि १२६ मिनट है। यह कॉमेडी ड्रामा है,जिसमें सितारे के रुप में कंगना, सोहम शाह, कैथरीन, ईशा तिवारी और मार्क जस्टिस आदि हैं। निर्देशक हंसल मेहता की इस फिल्म का बजट २५-३० करोड़ रुपए है। तो कहानी है अमेरिका के जॉर्जिया में ३० […]

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सुनो,आज हिन्दी दिवस है, चलो फिर कुछ गोष्ठियाँ कर डालें। कुछ अपनी जेब में, कुछ उनकी रखने का जुगाड़ कर डालें। कुछ बड़ी-बड़ी बातें तुम कहना, कुछ हम भी चलो कह डालें। गोष्ठियाँ खत्म होते ही, फिर अंग्रेजी शराब औ कबाब, अंग्रेजी फलसफ़ों का पुलिन्दा होगा। कोई नहीं थोड़ा-सा ही, […]

हिंदी कहे मैं हूँ एक सागर, मुझमें समाहित ज्ञान का गागर अपनी माटी की खुशबू लिए मैं, चलती रहूँ यूँ ही युग-युगान्तरl सदियों से हिन्दी रही है, भारतवर्ष की पहचान हिन्दी हमारी मातृभाषा है, रखें सदा हम इसका मानl हिन्दी तो है अति सहज, कोयल की मधुर वाणी हिन्दी तो […]

भारत माता की है बिन्दी, मेरी प्यारी भाषा हिन्दी। मुझको बड़ा सुहाती है, हिंदी बहुत लुभाती है॥ मुहावरे,लोकोक्तियाँ, पद्य की सुन्दर पंक्तियाँ। रस-छंद,अलंकार से सच्चा श्रृंगार पाती है, हिन्दी बहुत लुभाती है॥ नाटक-एकांकी,निबंध-गद्य, कथा-कहानी,या हो पद्य। कल्पनाएं इस मन की, तुमसे परवान पाती है। हिन्दी बहुत लुभाती है॥ भारत माता […]

हम मानसिक रूप से आज भी गुलाम हैं और इस गुलामी को बनाए रखने में हमारी असफल शिक्षा व्यवस्था की भूमिका अहम है। वास्तविक रूप से शिक्षित हुए बिना ही महाविद्यालयों -विश्वविद्यालयों से उपाधियां मिल जाती हैं और येन-केन प्रकारेण उच्च पद या उच्च सफलता को हथियाने में सफलता भी […]

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ज़िन्दगी के रास्ते इतने आसान न होते, अगर आप हम पर मेहरबान न होते l आप चाहते तो ये काम कल भी हो जाता, हम आज भी इसके लिए परेशान न होते। कितना अच्छा होता,हमारी गिनती इंसानों में होती, आप हिन्दू न होते,हम मुसलमान न होते। ये विश्वास और भरोसे की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।