मैं पथिक हूं तूफानों में चलने का आदी, तुम मत मेरी दुर्गम राहें आसान करो। मैं कड़ी धूप में तपकर और भी निखरा हूं, छाया का मेरी राह में न सामान करो। पथरीली राहों पर है चलना सीख लिया, मत कंकड़ चुनकर तुम मुझ पर एहसान करो। दुर्गमतर मंजिल मुझको […]

नादान,नासमझ,अठखेली-सी होती है, यारों उम्र बड़ी ही अजीब पहेली होती है। बचपन में बड़े होने का सोचते हैं, बड़े जब हुए तो बचपन याद करते हैं। जवानी में बुढ़ापे के सपने संजोते हैं, बुढ़ापे में जवानी के दिन याद करते हैं। समझ आने पर भगवान पर हंसते हैं, जब जरूरत […]

रत्न विभूषित छम-छम करके,इतना क्यूं  ललचाती हो। मेरे वश में नहीं हो फिर भी,मुझको क्यूं पास बुलाती हो॥ मैं गँवार जो गाँव का ठहरा,तेरी कीमत क्या जानूं। जो कहते फिरते हैं सब वो,मैं तो बस उतना मानूं॥ मैं छल से तुझे नहीं चाहता,सच्चाई से आओगी। पता नहीं आओगी या भी, […]

झूठ ऐसे न बोलो,लोग सब जान लेंगे, बात दिल की जो ठहरी,निगाह पहचान लेंगे। लाख कोशिश करो तुम मुहब्बत न छुपेगी, लोग हर एक घड़ी पर तेरा इम्तिहान लेंगे। ढूंढ लेंगे जहाँ में कमी तेरी भी कोई, बाद में ये बेगाने तेरी ही जान लेंगे। हो सके तो तुम मानो […]

`चायनीज` और `स्वदेशी` का झंझट ही मिटाएँ, अब से दीपावली पर पटाखे ही न जलाएँ इस दिवाली पटाखे न जलाकर, गरीबों के घर दीपक जलाएँl  आओ सार्थक दीपावली मनाएँ, इस दिवाली व्यसन न करकर गरीबों को मिठाई खिलाएँ आओ सार्थक दीपावली मनाएँl  इस दिवाली चीनी सामान न लें, स्वदेशी वस्तुएँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।