चारों ओर छुआछूत की बीमारी भारत में फैली थी, इंसानों ने इंसानों को अस्पृश्य मानकर भारत को नर्क बना दिया था । आदमी आदमी का शोषण कर रहा था । कदम-कदम पर असमानता के पैने कांटे बिखरे पड़े थे । उसी कालखंड में 14 अप्रैल 1891 ई. को मऊ, मध्य […]

परीक्षा मे ज्यादा नम्बर लेकर आना ही जीवन की राह तय नहीं करता ! इसके साथ – साथ ज्ञान भी जरूरी है ! सिर्फ अच्छे नम्बर से कोई जीवन मे सफलता हासिल नहीं कर सकता है ! ना ही डिवीज़न से ! कभी – कभी थर्ड डिवीज़न वाला भी आई.ए.एस […]

सभी जानते है लोक डाउन क्या है, यह भी जानते कि यह आवश्यक है, क्योंकि हम लगभग भूल चुके थे, मास्क पहनना, हाथ धोना, दूरी बनाकर रखना। हम भूल चुके थे कोरोना संक्रमण। लगभग एक वर्ष होते होते हम इसके अभ्यस्त हो चुके थे, प्रशासन भी अब सावधानी के इतर […]

कोरोना ने पूरी तेजी के साथ पुन: दस्तक दे दी है। चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। पीडितों का हाल बुरा है। सरकारें अपने ढंग से देश को चलाना चाहतीं हैं और डब्ल्यूएचओ अपने ढंग से। सरकारें सत्ता की ललक में निर्णय ले रहीं हैं और डब्ल्यूएचओ किसी के खास […]

महोदय, आपका टोटल हेल्थ कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र के लोग नहीं देख रहे हैं जबकि इस कार्यक्रम की आवश्यकता ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक है। कार्यक्रम न देखने का एक कारण यह है कि आपके जो प्रस्तोता, विशेषज्ञ एवं डॉक्टर हैं वे यह कार्यक्रम हिंग्लिश यानी कि अंग्रेजी और हिंदी की […]

लाकडाउन या कर्फ्यू से पीड़ित हमारे शहर कस्वों के लोगो पर, जिनकी कमाई पर एक बार पुनः मार पड़ने वाली है ,क्योंकि कोरोना ने अपने पैर फैलाने शूरू कर दिए हैं।कुछ राज्यो की स्थिति विचलित करने वाली हो गयी है।महाराष्ट्र,छत्तीसगढ, पंजाब मध्यप्रदेश, दिल्ली,गुजरात आदि राज्यों के आंकड़े वेचैन कर रही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।