‘कौन हूँ मैं’???,कितनी सहजता से हम इसे यत्र-तत्र चिंतन के विषय रूप में प्रस्तुत कर देते हैं। सत्य तो यह है कि, ये विषय है ही नहीं,अपितु ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर तलाशते-तलाशते सदियाँ ही नहीं,अपितु न जाने कितने युग बीते हैं। कहते हैं कि जो इस प्रश्न का […]

ये कैसी व्यथा है, गरीब कागज पर उतरता है और दर्द बिकता हैl बोली लगती लाखों में, आदमी तिल-तिल मरता हैll जमाने की बेदर्दी को तो देखो, वह अमीरों की दीवारों पर शो-पीस बनकर सजता हैl उम्मीदों से भरी नजरों को, नजरअंदाज कर उनके आँसूओं पर वाह-वाही लेता हैl गरीब […]

आज कु. मनीषा सिंह को देखने (शादी के पूर्व) के लिए दुर्गा मन्दिर पर वर पक्ष के सभी लोग समय से पंहुच चुके थेl मनीषा की मां मान्ती सिंह भी ब्यूटी पार्लर से अपनी बेटी को खूब सजा-धजाकर उक्त स्थान पर समय से पहुंच चुकी थीl वधू पक्ष के लोग […]

हौंसले बुलंद रखो,गर दरिया की चाह हो, कांटे हट जाएंगे,गर कलियों की चाह हो। रोक सकता है कारवां,तो रोककर देखे, खुद ही झुक जाएगा,गर झुकाने की चाह हो। सफर में राहें भले कितनी भी कठिन हों, खुद ही कदम चूमेगी,गर मंजिल की चाह हो। ख्वाहिश पूरी न होती,गर जीवन की […]

हे पावन से दीप, धरा का तम हर दो। जग के कण-कण में, सुंदर आभा भर दो॥ राग-द्वेष का नाम, मिटे मानव मन से। निर्मल बुद्धि का जन, जन को वर दो॥ ज्ञान की सरिता, बहे फिर विश्व में। मरूभूमि के आंगन में, सागर कर दो॥ गीत गूँजे सदा, हर्ष […]

भाग्य और पुरुषार्थ का मिल जाए हमें संग, हम बढ़ते ही जाएँगे लेकर मन में नई उमंग। ऊर्जावान तरंगों की गति ले कदम बढ़ाएँगे, राह के काँटों को हम कुचलते ही जाएँगे। राह के पत्थर कब तक हमको गिराएँगे, हम गिरकर उठेंगे,उठकर बढ़ते ही जाएँगे। मंजिल तक पहुँचना ही जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।