ये कैसी व्यथा है,
गरीब कागज पर उतरता है
और दर्द बिकता हैl
बोली लगती लाखों में,
आदमी तिल-तिल मरता हैll
जमाने की बेदर्दी को तो देखो,
वह अमीरों की दीवारों पर
शो-पीस बनकर सजता हैl
उम्मीदों से भरी नजरों को,
नजरअंदाज कर
उनके आँसूओं पर वाह-वाही लेता हैl
गरीब का दर्द,
किसी की शोहरत बनता हैl
चीथड़ों से ढँके बदन की नुमाईश,
उनकी अमीरियत का जरिया बनता हैl और गरीब अपनी ही,
गरीबी का मजाक बनता हैll
ऊँचे आशियाने को झोपड़ा,
कहाँ नजर आता हैl
वह दर्द की तस्वीर को
कला कह जाता हैll
गरीब कागज पर उतरता है,
और दर्द बिकता हैll
#टीना जैन
परिचय: टीना जैन पुश्तैनी परम्पराओं के लिए प्रसिद्ध राज्य राजस्थान से है। १९८० में आपका जन्म हुआ और शिक्षा स्नातक सहित एम.ए., बी.एड. तथा एम.एड. भी है। बतौर गृहिणी आप शहर उदयपुर के खेरवाड़ा (तहसील रोड) में रहती हैं। आपकी रुचि कविता लेखन में है।