दिल परेशां है आँख आज हुई नम, भूली कोई दास्ताँ याद आ  ही गई। चैन मेरा  कहीं आज खो सा गया, बीती बातों से बेचैन ये दिल हुआ। सुकूँ  के दो पल अब दिल  चाहता, कोई मिलता है नहीं अपनी तरह। बीच बाजार में अब लगे तन्हाई-सी, कैसी ये ख़ामोशी […]

आदरणीय मोदी जी!,आप जिस तरह झूम-झूमकर मंत्रमुग्ध कर देने वाला भाषण हिन्दी में देते हैं,क्या उसी तरह का प्रभावशाली भाषण अंग्रेजी में भी दे सकते हैं ? आप जिस तरह अपने को हिन्दी में अभिव्यक्त कर लेते हैं,क्या उसी तरह अंग्रेजी में भी कर सकते हैं ? नहीं न ? […]

वह रोज जी उठता है,पुनर्नवा की तरह। जी उठना उसकी विवशता है, क्योंकि सहज मिल जाती है, हवा,बारिश,धूप और पानी भी कभी-कभी। फिर वह पनपता,फुनगता और बढ़ता ही चला जाता है। पर इतना भी सहज नहीं है बढ़ना! इस बीच कई बार पददलित होता, रौंदा जाता हजारों बार,पांवों तले, फिर […]

चंचल चितवन,खींच रही मन,कैसा चमत्कार है। स्वर्ग अप्सरा से भी बढ़कर,तेरा ये दीदार है॥ घूंघट के भीतर से नैना,सीप मोतियों जैसे। आधा घूंघट मुख के ऊपर,चाँद अमावस तैसे॥ बदली से छुप-छुप के रोशनी,निकले और छुप जाए, होंठ गुलाबी लगे संतरा,जो देखे रह जाए। दुग्ध नहाई कोई चाँदनी,ऐसा तेरा निखार है॥ […]

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जला लो घृत सहित दीपक, नमन भारत को करना है। मिलाकर धूप में नैवेद, हवन भारत को करना है।      समय है अब भी कर डालो,      नहीं तो बाद न होगा।     उठा लो सींक की झाड़ू, स्वच्छ भारत को करना है॥         […]

ये फलक ये सितारे, पूछेंगे नहीं कौन है तू। ये जमीन यह नजारे, पूछेंगे नहीं कौन है तू। जो जाना हो अपनी मंजिल तक, अकेला ही चल  देना… जब तक नहीं मिलेगी एक भी सही राह, कोई भी पहचानेगा नहीं कौन है तू। हमसफर का इंतजार न करना, ये सफर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।