हर हकीकत रूबरू होने लगी। रंज की जब गुफ्तगू होने लगीll  खिल गया जब प्यार का इक बीज भी। नफरतें फिर चारसूं होने लगीll  अब नहीं महफूज़ है कोई यहाँ। बालिका बे-आबरू होने लगीll  पर्व कोई हम मनाएँ जब कभी। ईश की फिर तू ही तू होने लगीll  मिल गया […]

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ न होना ही सिर्फ अपाहिजपन नहीं होता,संपूर्ण होने के बाद जब स्वाभिमान खत्म हो जाता है,असल में तब अपाहिज होता है इंसानl निशा भी अपाहिज हो चुकी थी,ऐसे लोगों के बीच थी जहां उसका स्वाभिमान दो कौड़ी का नहीं बचा थाl हज़ार बातें सुनने […]

शीला बहुत उदास मन से बोली-दीदी मेरी एक ही बेटी है,मैंने इसके पालन-पोषण में कोई कमी नहीं रखी। हम दोनों तो नीरे अनपढ़ हैं,किन्तु हमारे जीने का मकसद ही शिबू को खूब पढ़ाना है,उसे बचपन से ही अच्छे अंग्रेजी विद्यालय में भरती करवा दिया था,क्योंकि हम जानते थे कि बाद में […]

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तुम्हे देखा तो माना है मुहब्बत भी जरुरी है, तुम्हीं से है सुकूँ दिल को राहत भी जरुरी है। मुहब्बत आप भी करिए मुहब्बत भी जरूरी है, मगर इसके लिए देखो इजाजत भी जरूरी है। हमेशा तो नहीं करना शिकायत आप अब देखो, मगर सच में कभी तो ये शिकायत […]

महीना आया दिसम्बर का अवकाश शीतकालीन का, असर मुक़म्मली सर्दी का कंपकंपी वाली ठंडक का। चारों ओर धुंध ही धुंध कोहरे ने बढ़ाई मुश्किल, नम हवा ने बढ़ाई ठिठुरन स्कूल जाना हुआ कठिन। स्कूलों में छाई खामोशी कक्षा कक्ष पड़े खाली, खेल मैदान में ओस कण बिखरे ठंडे पड़े नानिहालों […]

सोच-समझकर शादी करना, बदले राज्य बिहार में। वर्ना एक दिन जाना होगा, सीधे जेल तिहार में। बाल विवाह हो गया बन्द है, बुरी नज़र को बदलें। भूल से इनसे करें न शादी, अखबारों में पढ़ लें। अब न बाराती जा पाएंगे, ठाठ से मँहगी कार में। वर्ना एक दिन जाना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।