(गणतन्त्र दिवस विशेष) सच कहता हूँ कमी बहुत है, व्यवस्था में बहुत चूक है राजनीति में ईमानदारी नहीं, यह तो पूरा गणतन्त्र नहीं। देश का जन भी सुरक्षित नहीं, रुकती कभी घुसपैठ नहीं देश के लिए खतरा जो बने हैं, उन पर लगती पाबन्दी नहीं। आमजन चुनाव नहीं लड़ सकता, […]

(२६ जनवरी विशेष) छब्बीस जनवरी का पर्व यह आया, गणतंत्र दिवस पर तिरंगा लहराया। आम्बेडकर जी ने संविधान बनाया, उन्नीस सौ पचास को लागू करायाll    राजपथ पर तिरंगा झंडा फहराया, सलामी से इसका सम्मान बढ़ाया। राष्ट्रगान जन गण मन गीत गाया, देशभक्ति का नया तराना सुनायाll    अमर जवान […]

                जिसने गर्भस्थ होते ही अपार सहन की थी वेदनाएं- निशि-दिन-उबकियां,अपच कभी चक्कर तो कभी और कुछ। खाना-पीना दुश्कर रहा, कई मास तक तब जाकर असीमित प्रसव-वेदना को सहन कर मुंह देखा था- स्नेह के उपहार का, लालन-पालन के दिवस बीते,फूल की सुगंध […]

लिखता मैं किसान के लिए, लिखता मैं इंसान के लिएl नहीं लिखता धनवान के लिए, नहीं लिखता मैं भगवान के लिएl लिखता खेत-खलियाँ के लिए, लिखता मैं किसान के लिएl नहीं लिखता उद्योगों के लिए, नहीं लिखता ऊँचे मकान के लिएl लिखता हो सड़कों के लिए, लिखता मैं इंसान के […]

मेरा लोकतंत्र,न्यायपालिका खतरे में है, बीस वर्ष तक न्याय न मिलना खतरे में हैl    न राम-न रहीम अब मुझमें पलता है, मेरे हर राज्य में हिन्दू-मुस्लिम बंटता हैl    दलित,ब्राम्हण के नाम पे मुझे बांट रहे हैं, मैं हिंदुस्तान हूँ,मुझे ये लोग काट रहे हैंl    एक ही चाँद […]

भोर की गहराइयों से फैलती है रोशनी, मौन से कुछ पल खड़े हैं भीगती अब ओस भी। धुंध-सी कुछ छँट रही है व्योम कुछ ज़ाहिर हुआ, दूर से आतीं हैं किरणें कुल समाँ रोशन हुआ। स्वर्ण-सा आभास जग को सूर्य की आभा कराती, चीरती जाती तिमिर को हर दिशा ओजस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।