सिर्फ बल तो मत दिखाया तुम करो। हौंसले भी आजमाया तुम…..करो॥ दर्द दुनिया में भरा है…..आजकल। प्यार सबको कुछ सिखाया तुम करो॥ लाजमी है बरगलाना…..आपको। दूर दुश्मन से भी’ जाया…..तुम करो॥ ख्बाव देखो पर खुली…..आँखें रखो। सच हों’ वो सपने सजाया तुम करो॥ बदमिजाजी में नहीं कुछ भी रखा। अब […]
आया बसंत,आया बसंत, देखो,सबको भाया बसंत गेंदा,गुलाब,मोगरा,चमेली, सब फैलाएँ मिल अपनी सुगंध आया बसंत,आया बसंत। कलिकाओं ने घूंघट खोले, फूल चुपके-चुपके बोले देखो ज़रा दिग् दिगन्त, आया बसंत,आया बसंत। सुरभित कितना नव बसंत, कुसुमित कितना नव बसंत रहे यूँ ही यह जीवन पर्यन्त, आया बसंत,आया बसंत। दिग्भ्रमित कोई भी […]
