सिर्फ बल तो मत दिखाया तुम करो। हौंसले भी आजमाया तुम…..करो॥ दर्द दुनिया में भरा है…..आजकल। प्यार सबको कुछ सिखाया तुम करो॥ लाजमी है बरगलाना…..आपको। दूर दुश्मन से भी’ जाया…..तुम करो॥ ख्बाव देखो पर खुली…..आँखें रखो। सच हों’ वो सपने सजाया तुम करो॥ बदमिजाजी में नहीं कुछ भी रखा। अब […]

मातु शारदे वर दे…। धवल पुष्प विराजनी रजत वस्त्र धारणी समस्त वरदायनि मां वीणा पाणिनी… ज्ञान-विज्ञान-संस्कार जीवन में भर दे मातु शारदे वर दे…। मुनिजन,गुणीजन मन में है ध्यावे, तुमसे ही संसार सदा ज्ञान पावे अज्ञान-तम-अँधेरा जीवन से हर दे मातु शारदे वर दे…। अक्षर सुरों की तुम्ही माँ हो […]

इसे विडंबना ही कहा जाना चाहिए कि जिस देश में साक्षरता का प्रतिशत २०११ की जनगणना के अनुसार ७५.०६ हो वहां एनुअल स्टेटस ऑफ एज्यूकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) २०१७ के मुताबिक १४ से १८ साल की उम्र के ग्रामीण भारत के २५ फीसदी स्कूली बच्चों को किताब पढ़ना नहीं आता है। […]

इंसान का ज़मीर गिर जाए तो,कोई शिखर कभी काम नहीं आता। मौत हकीकत है इसे मिटाने में,कोई हुनर कभी काम नहीं आता॥ अनगिनत अरमानों की कशमकश को, ता-उम्र ढोता आया हूँ। खुशियों  के काफिलों के लिए ता-उम्र रोता आया हूँ॥ मंजिल का ठिकाना नहीं तो,कोई सफर कभी काम नहीं आता। […]

  आया बसंत,आया बसंत, देखो,सबको भाया बसंत गेंदा,गुलाब,मोगरा,चमेली, सब फैलाएँ मिल अपनी सुगंध आया बसंत,आया बसंत। कलिकाओं ने घूंघट खोले, फूल चुपके-चुपके बोले देखो ज़रा दिग् दिगन्त, आया बसंत,आया बसंत। सुरभित कितना नव बसंत, कुसुमित कितना नव बसंत रहे यूँ ही यह जीवन पर्यन्त, आया बसंत,आया बसंत। दिग्भ्रमित कोई भी […]

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नायक, नायिका से कहता है कि- हमारे तुम्हारे नैना चार हो जाए, तुम्हें भी हम पर एतबार हो जाए। करो कुछ ऐसा प्रयास अब तुम भी, मुझे तुमसे-तुम्हें मुझसे प्यार हो जाए॥ नायिका जबाब देती है- लो तुम मुझसे नैना चार कर लो, थोड़ा-सा और दिल में इंतजार कर लो। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।