कृपया समय निकालकर अपनी बैंक शाखा में निम्न शिकायत दर्ज करवाएं और बैंक का ठप्पा प्राप्ति स्वीकृति(पावती) हेतु जरुर लगवा लेंl आपका सहयोग, ऐसे करोड़ों लोगों के काम आएगा जो न तो अंग्रेजी पढ़ पाते हैं और न ही समझ पाते हैं,उनके बैंक खाते खोले गए हैं,वे खाताधारक हैंl वे […]

श्वेत वस्त्र धारिणी माँ, वीणा पाणि शारदे माँ मेरी कोठरी में भी तो, ज्ञान भर दीजिए। देती रहें आप सारे कवियों को शुभाशीष, आप निज हाथ, मम शीश धर दीजिए। हम हैं नादान किन्तु बालक तो आपके ही, दुख अवसाद पाप, मात हर लीजिए। आपकी कृपा से ही तो, काव्य […]

  शोषण,तापन,द्रवण ये,सम्मोहन,उन्माद। पञ्च बाण से चोट कर,सुने नहीं फरियाद। सुने नहीं फरियाद,सखा ऋतुराज मिल गया हँसता खड़ा अशोक,नवल सहकार खिल गया मुस्काता राजीव,मल्लिका करती पोषण। सौरभ से मिल जूही,कर रही है उर-शोषण। आली! वृन्दावन चलें,जहाँ बसें रसराज। पीछे-पीछे आएगा,बौराया ऋतुराज॥ बौराया ऋतुराज,कली रसवन्ती होगी मोहन की मुरलिया,आज गुणवंती होगी […]

माँ तू ही एक ऐसी अनोखी कृति है, जिसकी अपने जैसा गढ़ना ही वृत्ति है। देती है संतान को जन्म मौत से लड़कर भी, बनाती है फिर उसको,अपने से बढ़कर भी। मां बनकर मातृत्व लुटाना,तेरे ही बस की बात है, दी है ईश्वर ने केवल तुझे,ये सौगात है। गोद में […]

हे शारदे मां,शारदे मां, ज्ञान का भण्डार दे मां। विमल वाणी विद्या वरणी, हस्त पुस्तक माला धरणी। श्वेत वस्त्र वंदिता मां, बुद्धि का उपहार दे मां। शारदे मां शारदे मां, ज्ञान का भंडार दे मां। ध्यान और विज्ञान दे मां, सबको सन्मति ज्ञान दे मां। सारे जग के जीवो को […]

(जंगे आजादी के महानायक सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन पर) जय हिंद मेरे हिंद ही गाता रहा सदा, माँ भारती पे जान लुटाता रहा सदा। सेवा-ए-माँ का वादा जो किया कभी कहीं, ता-उम्र अपना वादा निभाता रहा सदा। दर-दर भटक-भटक के ढूँढे माँ के लाड़ले, मर-मर के माँ की शान बचाता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।