संयम के केन्द्र को विस्तार कर देना, एक आश्चर्यजनक घटना है। यह घटक अक्सर हमारे बीच, लागू होता रहता है, जो व्याकुलता की सीमा लांघकर, सब्र के गले को शुष्क कर देता है, लाखों की भीड़ में भी हमें अकेला कर देता है, किसी का इन्तजार॥         […]

धर्म,शील,सत्कर्म ही तो जान है भैया। जान से प्यारा वतन हिन्दुस्तान है भैया॥ यहाँ हिन्दुओं के संग मुसलमान रहते हैं। दिल में अल्लाह के संग भगवान रहते हैं॥ भारत बने विश्व-गुरू,यही अरमान है भैया। धर्म,शील,सत्कर्म ही तो जान है भैया। जान से प्यारा वतन हिन्दुस्तान है भैया॥ दिल में मोहब्बत […]

माशूक द्वारा माशूका,को दिए प्रेम-पत्र की, प्रेम-पत्र छुपाया था,वो उस रूमाल को। परिवार स्नेहीजन,हर उस शख्स को जो आते-जाते पूछताछ,करे हालचाल की। सेठ साहूकार जी को,लजीज पकवान की, किसी भूखे गरीब को,रोटी और दाल की। बीते हुए समय को,आने वाले आज को, आप सभी को शुभकामनाएं नए साल की॥   […]

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बता रहा है शहर का जन-मन होगी इक दीवार खड़ी, टूट गया गांधी का सपना आरक्षण की मांग बढ़ी। बता रहा है…………..॥ बता के छोटा सिक्का खोटा चले न घर का खर्चा मोटा, बुद्धि प्रतिभा और कमजोरी आपस में दो बहिन लड़ी। बता रहा है……………..॥ हो गया लोकतंत्र बेढंगा बुद्धि […]

तेरा राम जी करेंगें उद्धार, उदासी मन काहे को डरे। मुद्दा ही खत्म हो जाएगा, मंदिर निर्माण कौन करे ? तू हिन्दूवादी बना रहे, मैं मुस्लिमवादी बना रहूँ। कभी तू गद्दी पर बना रहे, कभी मैं गद्दी पर टिका रहूँ। चुनाव खत्म हो जाने पर, अब यह चर्चा क्यों करें […]

अपनी संस्कृति को अपने, देश में फिर से दोहराना होगा। हमारी संस्कृति कैसी थी, उसे हरगिज़ हमें वापिस लाना होगा॥ हमारी संस्कृति हमारे ही, देश का अभिन्न अंग है। जिसको देखकर सम्मान से, तन-मन को करती संग है॥ भारतीय संस्कृति के साधकों संस्कृति को बचाना होगा। हवा में न गान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।