जो कभी नही देखा था वह सब देखना पड़ा इस 2020 के साल में कोरोना को झेलना पड़ा जीवन भारी सा हो गया कई अपनो को ले गया सबके सब अछूत हुए हाथ मिलाना पाप हुआ गले लगाना अभिशाप हुआ चेहरा मास्क में ढक गया पहचानना मुश्किल हो गया मेले […]

वृक्ष ज्यों ज्यों घटते गए परिवार आपस में बंटते गए जेबो मे धन तो बढ़ता गया नियत बेईमान बनाता गया कागजी पढ़ाई ही पढ़ते गए चरित्र को अपने खोते रहे वाणी मिठास खोती रही मधुमय बीमारी बढ़ती गई कैसा कलियुग यह आया राम को भूले याद रही माया अभी समय […]

जीवन परमात्मा की देन है जीवन रक्षा का रखिए ध्यान मनुष्य ,पशु-पक्षी या हो वृक्ष सबका जीवन एक समान जरा भी काँटा चुभता जब हमें असहाय तड़पन होती जान किसी जीव पर जब हिंसा होती लगती वह भी वज्र समान मूल मन्त्र है इस जीवन का सात्विकता का रखिए ध्यान […]

भौतिक उन्नति पथ बढ़ चले मशीन की मानिद बन चले जल्दी सोना हम भूल गए जल्दी उठना भी भूल गए सुबह शाम की संध्या याद नही निस्वार्थ के रिश्ते भूल गए दादी नानी की कहानी कहां गई बचपन जीना ही सब भूल गए दूध, दही ,घी और मठ्ठा मक्खन-रोटी खाना […]

स्वच्छ कैसे कहुं माँ गंगा आचमन लायक नही मां गंगा अरबो खर्च हो जाने पर भी प्रदूषण मुक्त नही मां गंगा ‘नमामि गंगे’ मात्र कह देने से स्वच्छ नही हो रही मां गंगा भाषण बहुत हो गए अब तो स्वच्छ कराओ अब मां गंगा गंगा को मां का सम्मान दिया […]

सदाचरण पथ को अपनाओ विकार मुक्त स्वयं बन जाओ मन मे क्लेश कभी कोई न रहे असीम शांति का सुख पाओ हमेशा मनमाफिक होती नही हर बात बस मे होती नही ईश्वरीय लीला है, मानकर चलो स्वयं को निमित्त समझकर चलो सारे कष्ट दूर हों जायेगे तुम्हारे गैर भी अपने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।