चिरागां आंधियों में जल रहा है, चलो कुछ तो अंधेरा ढल रहा है। सुदिन है चांडालों तस्करों का, शरीफों का बुरा दिन चल रहा है। अगर हम खा रहे हैं एक में ही, हमारा घर तुम्हें क्यों खल रहा है। शनिश्चर आ गया है अब वहां भी, अभी कल तक […]
******************************** हिमालय की उपत्यका में गंडक नदी की यह तटवर्ती भूमि वैदिक युग में अनेक ऋषि-मुनियों एवं संत महात्माओं की साधना स्थली रही। प्राचीन काल में यह भूभाग लिच्छिवी गणराज्य के अंतर्गत था जहां प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति का अभ्युदय हुआ। कालांतर में यह भू-भाग मगध साम्राज्य के […]