शिव ने शक का सर्प ले, किया सहज विश्वास। कण्ठ सजाया,धन्यता करे सर्प आभास। द्वैत तजें,अद्वैत वर, तो रखिए विश्वास। शिव-संदेश न भूलिए, मिटे तभी संत्रास॥ नारी पर श्रद्धा रखें, वही जीवनाधार। नर पर हो विश्वास तो, जीवन सुख-आगार॥ तीन मेखला तीन गुण, सत्-शिव-सुंदर देख। सत्-चित्-आनंद साध्य तब, धर्म-मर्म कर […]

1

जिस दिन हम घाव पर लगने वाले झंडू बाम होगें, न होगें कब्रिस्तान न श्मशान होगें। न पडे़गी जरुरत हमें हथियारों की, न सीमा पर शहीद जवान होगें। जिस दिन हम…॥ स्वर्ग में शांति से सोए होगें भगवान, न मंदिर-मस्जिद में लड़ रहे इंसान होगें। हर तरफ फैली होगी शांति, […]

बे-बजह की ये फब्तियां अच्छी नहीं लगतीं, दर्द भरी ये सिसकियाँ अच्छी नहीं लगतीं। जरूरत पर ही याद करते हैं जो खुदा को, लोगों की ये खुदगर्जियाँ अच्छी नहीं लगतीं। जाति-धर्म के नाम जो जला देते हैं मकां, उजड़ी हुई ये बस्तियां अच्छी नहीं लगती। नसीब कैसे होगी सुंदर बहू […]

आज पहली बार गाँव में जीव-जन्तुओं की सुनवाई के लिए रात्रि चौपाल का विशेष आयोजन रखा गया है। समस्त क्षेत्रीय जीव-जन्तु पूरी तैयारी के साथ चौपाल पर आते हुए राजमार्गों पर दिखाई दे रहे हैं। सभी जीव-जन्तु अपने-अपने समूह में चले आ रहे हैं। जीव-जन्तुओं में शाकाहारी,मांसाहारी,उड़ने वाले,रेंगने वाले तथा […]

कल-कल    छल-छल  बहती  नर्मदा, जग   की  प्यास    बुझाती   नर्मदा। हरे     भरे     से     बाग    तीर     पर, सबका       सिंचन     करती   नर्मदा। त्रिविध       ताप      से       देती मुक्ति, चार         पदारथ     देती       नर्मदा। […]

वाकई इस दुनिया में पग-पग पर भ्रम है। कुछ सवाल ऐसे होते हैं जिनके जवाब तो मिलते नहीं,अलबत्ता वे मानवीय कौतूहल को और बढ़ाते रहते हैं। हैरानी होती है जब चुनावी सभाओं में राजनेता हर उस स्थान से अपनापन जाहिर करते हैं,जहां चुनाव हो रहा होता है। चुनावी मौसम में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।