जग को निहारने का सौभाग्य मिला, मातृत्व का जब वरदान मिला। ईश्वर जैसा मुझे सहारा मिला, जब माँ की ममता का आसरा मिला। आँचल में छुपकर भूख-प्यास सब मिटी, माँ का जब मुझे दुलार मिला। सबकी बुरी नजरों से मुझे बचाती, माँ से ही मुझे अपनापन मिला। सुकून से सो […]

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करो नए कुछ काज तो कोई बात बने,  मिले तुम्हें भी ताज तो कोई बात बने।    नाम तेरा भी दिखे सुनहरे अक्षर में,  हो तुम पर जो नाज,तो कोई बात बने।    अगर बेटियाँ उड़ें गगन में ऊपर तक,  उन्हें समर्पित साज तो कोई बात बने।    अच्छा सोचो […]

मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता काl भारत इण्डिया के भार से दबा जा रहा है, अधोपतन के गर्त में डुबाया जा रहा हैl भारत की सात्विक संस्कृति की छाती पर इण्डिया की […]

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धूल लगी उस किताब को, क्या फिर से खोल पाओगे…l  जो गुजर गई है बातें सारी, क्या उन्हें फिर से दोहराओगे…ll    माना काबिल बहुत हो तुम, और गम से तुम बेगानी हो…l  खूबसूरती की जो शमा जले तो, तुम परियों की रानी हो…ll    तुम्हारी मदमस्त आंखों से क्या, […]

धवल शिखर विराट दिव्य पर्वतमालाओं के मोती, बसने के प्रयास में थक के जग से जाकर जिसमें शांति है सोती, जहां उसे आगार मिला है करे जगत की ओर प्रयाण, संघर्षों में होकर क्षीण भरे तूणीरों में कुछ बाण, पुनः प्रज्जवलित हो अग्नि समर की बचाए जग का बुरा विनाश, […]

सपनों की गठरी बांध, तारों की चुनर समेट रजनी ने चार याम का, सफर तय कर लिया। भोर के द्वार दस्तक दी, आहट सुन द्वार पर प्राची की खिड़की से, यामिनी की धुंधली परछाई देख। हल्का-सा उजाला उसके, आँचल में बाँध दिन के चार याम के, सफर की तैयारी कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।