रात ही है जो दिन के लिए चुनौती है दिन लगातार पीछा कर रहा है रात का यह है कि तंग कर रही है क‌ई बार बहुत लंबी हो जाती है लोग हैं कि इसे पार कर लेते हैं अलबत्ता मैं एक रात की नदी में बह रहा हूं सदियों […]

टूट रहे हैं पुल हर जगह गिर रहा है इन्सान दौलत जीत रही है अब तो आदमी बन रहा हैवान.. चंद सिक्कों की खातिर सब तुले हैं बेचने पर ईमान समर्थ लगे हैं लूटपाट में जनता हो रही परेशान.. चल पड़ा है अजीब सा अब दौर हर दिन के हादसों […]

हाट लगा है सपनों का आ जाओ मुनिया,मुन्ना बूढ़े बाबा के झोले से तुम मीठे सपने चुनना रंग बिरंगे होंगे सपने चटकीले पंखों वाले आ जाओ न देर करो तुम खोल के सारे ताले इंद्रधनुष के झूले होंगे आसमान की बाहों में झरने होंगे जगमग जुगनू होंगे तेरी राहों में […]

झूमि-झूमि-झूमि कारी-कारी कजरारी घटा, बूँद – बूँद डारि हिय आगि धरने लगी। दादुर, मयूर-धुनि सुनि-सुनि हाय राम, प्रेम नगरी की गली-गली जरने लगी।। मैं तो रही भोरी, ये अनंग बरजोरी देखु, धीरे – धीरे सारी कुलकानि हरने लगी। पपीहा की पीउ – पीउ, पीउ की पुकार सुनि, मोरे अंग – […]

घमंड के कारण अच्छे अच्छे पंडितो और विध्दमान लोग अपना  सर्व नाश कर लेते है / जैसे की आज कल के लोगो में घमंड बहुत  भरा हुआ है / वो थोड़े से पैसे वाले या उच्च्य पदो पर क्या आसीन होते है की स्वंय को भगवान समझने लगते है / […]

किसी ने स्याह चश्मी से निहारा है। यही तो बस मुहब्बत का इशारा है। *************************** जबीं आया नज़र जो काकुलें बिखरीं। मेरे महबूब का प्यारा ……नज़ारा है। **************************** लटें खुलती लगे के छा रहे बादल। दिखे मुस्कान तो लगता बहारा है। *************************** तुझे उपमा भला क्या दूँ बता मुझको। कि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।