अज्ञानता का अंधकार जब छाया था जग में, विष घुलते इस दुनिया में हिंसा के चपेट में, अहिंसा का बाना चाहिए, सुकून का खज़ाना चाहिए । काट चुके बहुत नफ़रत की फ़सलें, अब तो हे प्रभु! प्रेम की बयार चलनी चाहिए। ज्ञान का प्रकाश फैलाया चौबीसवें तीर्थंकर ने। साधना, तप, […]
काव्यभाषा
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