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शांत चित्त ताल के पानी पर, तिनके के व्यवधान से उत्पन्न, मंद पवन के उन्वान से व्युत्पन्न, मदिर मदिर सरकती नौका के, हौले हौले उत्पात से जनित, किनारों को ढूंढती नन्ही नन्ही लहरों का, उद्वेलनाओं का बहाव है कविता…….. चंचल हिरणी सी दौड़ती, तड़ित दामिनी सी कौंधती, कलकल करती दरिया […]

अब तो सहन नही होगा किए वार पर वार पाक ने हम सहकर मानवता करते पर अब रहम नही होगा अब तो सहन नही होगा। मेरा बंधु शहीद पडा है देख दुखित भारत माता है लहू से रंजित धरा हो रही प्रतिशोध ही मेरा धरम होगा । अब तो सहन […]

सब्र का फल मिलता जरूर है रमजान के बाद ईद जरूर है रोजा बढ़ना खुदा की इनायत है खुदा खुश है तो चेहरों पर नूर है एक दिन व्रत तीस दिन रोज़ा बहुत कम है यह दिन रोज आ सिर्फ भूखे रहना ही नही है मकसद खुदा की याद है […]

ओ माँ!मेरी माँ, प्यारी माँ-न्यारी माँ, मुझे जीना नही इस जहाँ, मुझे जीना नहि तेरे बिना, ओ माँ! मेरी माँ, प्यारी माँ-न्यारी माँ। मैं बेटा हूँ तेरा ही माँ, मेरा कोई नही तेरे बिना, तू ममता की सागर है माँ, तू शक्ति की अवतार है, तू करुणा की भंडार है, […]

बड़ी मीठी लगे सबको हमारी शान है हिंदी ! अनेकों गुण भरे इसमें गुणों की खान है हिंदी !! ***************************** मधुर धारा बहा देती अगर तुम भीगना चाहो ! बजाये सुरमयी सरगम सुरीली तान है हिंदी !! ***************************** सभी का दिल लुभा लेती दया सद्भाव से अपने ! भले हिंदू […]

चल रात सिरहाने रखते है । उजियारों को हम तकते है । दूर गगन में झिलमिल तारे , चँदा से स्वप्न सुहाने बुनते है । सोई नही अभिलाषा अब भी , नव आशाओं को गढ़ते है । चल रात सिरहाने … थकता है दिनकर भी तो , साँझ तले क्षितिज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।