प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस 18 जून पर विशेष  अश्व पर  बैठी मर्दानी हाथों में लेकर कृपाल । पवन वेग-सी गति चल पडी बन शत्रु का काल ।। कण-कण में भर ज्वाला रण में बनी थी वह चंडी । इसकी   देखकर  वीरता नतमस्तक हुए […]

माना कि मां ममता की मूरत होती है, बेटियां भी लक्ष्मी की सूरत होती हैं, बेटे भी वंश के अंश कुल के गौरव होते हैं, वंश को अनंत तक ले वाले सौरभ होते हैं, लेकिन एक पिता मां का अरमान होता है, बेटे-बेटियों के लिए राम और रहमान होता है, […]

यह भारतीय  देश  है ऐसा जो अपने बेटों पर रोता है। कुछ शहीद यहाँ तो बाकी व्यक्ति भ्रष्टाचारी  होता हैं।। भ्रष्टाचार बढ़ा यहाँ पर इतना लोग कहते विकास न होने देंगे। करना कार्य आदत नही हमारी सरकारी अनुदान दौड़ के लेंगे। लाइट लगेगी जो राहों पर उसको भी हम ही […]

सदा मन एकाग्र रहे ऐसा करिए ध्यान व्यर्थ चिंतन से मुक्ति मिले सद्चिन्तन का मिले ज्ञान किसी का बुरा न हो कभी ऐसा करे व्यवहार गैर भी अपने हो जाएं लोग करे सत्कार फर्श से अर्श जब मिले फर्श न भूलना यार निरहंकार बने रहे मिले परमात्म प्यार।     […]

हे माधव!तुमसा कोई कहाँ, हे माधव!तुम बिन जाऊं कहाँ। तुम जग के पालनकर्त्ता, कष्ट निवारक और विघ्नहर्ता। तुमने इस दुनिया को बनाया, सबको यहां जीना सिखलाया। रिश्ते-नाते तुमने बनाया, उन्हें निभाना भी सिखलाया। सब अपने हैं!इस दुनिया में, ये बातें तुमने समझायी। तुमने पुत्र का धर्म निभाया, अपनी माँ को […]

 रोटी-कपडा-मकान जीवन के अनिवार्य तत्व थे,  दौर में दवाई-पढाई-कमाई-आवाजाई और वाई-फाई जुड गए हैं । क्या इनके बिना अब जीवन की कल्पना की जा सकती हैं, कदाचित नहीं ! हम बात करें शि‍क्षा और स्वास्थ्य की तो वह दयानतहारी बनी हुई हैं, उसमें सुधार की और अधि‍क गुजांईश है। गौरतलब संविधान में शि‍क्षा और स्वास्थ्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।