मैं सब जानता   हूँ  तुम्हारी बदमाशियाँ तुम्हारे हुश्न की कहर ढाती अठखेलियाँ ज़ुल्फ़  है  कि  गहरा सा कोई तिलिस्म या  हैं  किसी  जादूगरनी  की पहेलियाँ मेरी कहाँ सुनती ही  हैं अब ये फ़िज़ाएं हवा,बादल,चाँद सब तुम्हारी सहेलियाँ मैं   दीवाना  न हो  जाऊँ तो क्या करूँ श्रृंगार तेरा  ऐसा   कि हो […]

खड़गपुर में ये हो क्या रहा भगवान नर्वस हो रहे बड़े बलवान अबूझ हो रहे एस्ट्रोलॉजर टेंपरेचर जा रहा चालीस के ऊपर दिल्ली में भी नई ऐसा गर्मी लगता है पड़ जाएगा मिर्गी खाना कम पानी एक गुंडी फिर भी घूमते रहता मुंडी दिगाग में रहता हरदम टेंशन क्योंकि जून […]

एक दिन के योग का अब थम गया शोर अगली भोर उदास है न योग है न योग का शोर सरकारी तन्त्र की डियूटी देखो हो गई है पूरी करोड़ो रुपये स्वाह हो गए योग की धुन फिर भी अधूरी तन मन शुद्धि के लिए योग जीवन मे लाना होगा […]

औरों का भला कर, तो अपना भला है। ये ही सत्य शाश्वत, सदा ही चला है। लिया मनुज तन तो, करना सत्कर्म सदा, कर्म करे गलत, वो हाथ सदा मला है। चाहे जो खुशियां, दूसरों की निज मना, देखा गया वही, सदा फला फूला है। जा चांद तारों पर, क्षमता […]

  योग प्रकृति,शरीर विज्ञान(स्थूल और सूक्ष्म शरीर)और आध्यात्मिक तथ्यों का सम्मिश्रण है।योग शब्द अर्थात मेल या जुड़ना,वैसे भी देखा जाए तो विभिन्न लाभकारी क्रियाओं का संयोग योग में है।योग शब्द से ही योगी शब्द की व्युत्पत्ति हुई,जिसका अर्थ होता है महान तपस्वी, जिसने इंंद्रियों और मन पर विजय प्राप्त कर […]

  भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक इकाई का वृहद ढांचा इस राष्ट्र के संस्कार और सचेतक समाज से हैं | विस्तृत धर्म ग्रन्थ और उपनिषद जो जीवन जीने की कलाओं के साथ संस्कारों के संरक्षण की गाथा कहते है। योग,जीवन जीने की इन्ही कलाओं में एक है। योग भारत में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।